Israel Hamas War: इजरायली सेना ने 3 फलस्तीनियों को मारी गोली, एक की मौत; वीडियो में कैद हुई घटना
वेस्ट बैंक के एक गांव के सीसीटीवी वीडियो फुटेज इजरायली सेना ( Israeli army) ने बिना किसी उकसावे के 3 फलस्तीनियों को गोली मार दी जिसमें 1 की मौत हो गई। इजरायली सेना ने कहा कि आतंकवाद विरोधी अभियान के तहत सैनिकों ने 28 से 29 दिसंबर 2023 की रात बीट रीमा में प्रवेश किया। सैनिकों ने उन संदिग्धों पर गोलीबारी की जिन्होंने उन पर विस्फोटक और फायरबम फेंके थे।
एपी, बीट रीमा। Isreal-Hamas War: वेस्ट बैंक के एक गांव के सीसीटीवी वीडियो फुटेज इजरायली सेना ने बिना किसी उकसावे के 3 फलस्तीनियों को गोली मार दी, जिसमें 1 की मौत हो गई। पिछले हफ्ते बीट रीमा गांव में हुई घातक गोलीबारी की घटनाों में इजरायल सैनिक बिना उकसावे के गोलीबारी करते दिखाई दिए। फलस्तीनियों का कहना है कि तीन महीने पहले गाजा में इजरायल-हमास युद्ध शुरू होने के बाद से यहां की स्थिति बेहद खराब हो गई है।
इजरायली सेना ने कहा कि आतंकवाद विरोधी अभियान के तहत सैनिकों ने 28 से 29 दिसंबर, 2023 की रात बीट रीमा में प्रवेश किया। सैनिकों ने उन संदिग्धों पर गोलीबारी की जिन्होंने उन पर विस्फोटक और फायरबम फेंके थे।
वीडियो में कैद हुई घटना
सीसीटीवी फुटेज की समीक्षा करने के बाद, एक सैन्य प्रवक्ता ने कहा कि सैनिकों ने बताया कि फलस्तीनियों में से एक को जब उसे गोली मारी गई तो वह मोलोटोव कॉकटेल जला रहा था। हालांकि, वीडियो से पता चलता है कि पहली गोली एक अन्य फलस्तीनी व्यक्ति, नादेर रिमावी को लगी थी। इस बीच घायल गांव के निवासियों ने विस्फोटक फेंकने से इनकार किया और कहा कि शुक्रवार सुबह लगभग 2 बजे गोलीबारी बिना किसी उकसावे के की गई थी।मदद के लिए दौड़ रहा था शख्स
वीडियो में एक शख्स को गोली लगने से पहले मदद के लिए दौड़ते हुए देखा गया है। पूरे वीडियो में बंदूकें लिए इजरायली सैनिकों के अलावा कोई हथियार दिखाई नहीं दे रहा है। गोली चलाने वाला भी नजर नहीं आ रहे है। यह पूछे जाने पर कि क्या सैनिकों ने सैन्य नीति का उल्लंघन किया है, सेना ने कोई जवाब नहीं दिया और यह नहीं बताया कि क्या कोई आधिकारिक जांच होगी।
क्या होगी जांच?
इजरायली अधिकार समूह बी'त्सेलेम ने कहा कि भले ही संदिग्ध गोलीबारी कैमरे पर पकड़ी जाती है और सेना द्वारा जांच की जाती है, लेकिन शायद ही कभी उन पर अभियोग लगाया जाता है। समूह के प्रवक्ता ड्रोर सैडोट ने कहा, 'इस तरह के मामले नियमित रूप से होते रहते हैं, लेकिन कोई उनके बारे में नहीं सुनता।' सेना कहेगी कि वह जांच शुरू कर रही है और यह जांच वर्षों तक चलेगी।'मानवाधिकार समूहों ने पहले ऐसे मामले पेश किए हैं जिनमें सैनिकों ने अपनी जान जोखिम में डाले बिना गोलीबारी की, जो सेना के नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है। ज्यादातर मामलों में पीड़ित फलस्तीनी थे, लेकिन युद्ध के दौरान हाई-प्रोफाइल गोलीबारी में इजरायली भी मारे गए हैं।