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Israel Hamas War: इजरायल को किसी का डर नहीं, राफा में दाखिल हुए IDF के टैंक; गाजा-मिस्र सीमा पर भी पा लिया नियंत्रण

इजारयली सेना ने दावा किया है कि गाजा-मिस्र के बीच सीमा पर एक रणनीतिक क्षेत्र पर उन्होंने पूरी तरह नियंत्रण हासिल कर लिया है। इस क्षेत्र को फिलाडेल्फी कॉरिडोर कहा जाता है। आईडीएफ ने इस क्षेत्र में 20 सुरंगों की खोज की है। इस सुरंगों का उपयोग सीमा पार तस्करी के लिए किया जाता है। वहीं इजरायल ने रफाह में हवाई हमले जारी रखे हैं।

By Agency Edited By: Piyush Kumar Updated: Thu, 30 May 2024 10:18 AM (IST)
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इजरायल ने गाजा-मिस्र के बीच सीमा पर नियंत्रण पा लिया।(फोटो सोर्स: रॉयटर्स)
आईएएनएस, तेल अवीव। Israel Hamas War। हमास के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है। इजरायली सेना की कोशिश है कि गाजा में मौजूद हमास के सभी ठिकानों को नष्ट किया जाए। इसी बीच इजारयली सेना ने दावा किया है कि गाजा-मिस्र के बीच सीमा पर एक रणनीतिक क्षेत्र पर उन्होंने पूरी तरह नियंत्रण हासिल कर लिया है।

इस क्षेत्र को 'फिलाडेल्फी कॉरिडोर' कहा जाता है। आईडीएफ ने इस क्षेत्र में 20 सुरंगों की खोज की है। इस सुरंगों का उपयोग सीमा पार तस्करी के लिए किया जाता है।

हमास ने मिस्र सीमा पर तैनात किए थे रॉकेट लॉन्चर

बता दें कि इन सुरंगों के जरिए मिस्र की ओर से हमास के लिए हथियार और अन्य सामग्री भेजे जाते हैं। इजराइल रक्षा बलों के प्रवक्ता ने बयान में यह भी कहा कि हमास के आतंकवादियों ने मिस्र की सीमा के पास रॉकेट लॉन्चर तैनात किए थे। हमास ने मिस्र की सीमा से सटे क्षेत्र का फायदा उठाया है।

हमास को यकीन था कि मिस्र से सटे सीमा होने की वजह से आईडीएफ इस क्षेत्र में गोलीबारी नहीं करेगा। हमास को भरोसा था इस इजरायल को इस बात का डर होगा कि गोलियां मिस्र के क्षेत्र में भी जा सकती है।

रफाह में दाखिल हुए इजरायली टैंक

अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के आदेश के बावजूद इज़राइल ने दक्षिणी गाजा में राफा पर घातक हमले जारी रखे, जहां गाजा के 2.3 मिलियन लोगों में से आधे ने पहले शरण ली है । मंगलवार (29 मई) को मध्य राफा में इजरायली टैंक देखे गए। इजरायल के मर्कवा टैंक पहली बार राफा में दाखिल हो चुके हैं। राफा के सिटी सेंटर पर भी आईडीएफ ने कब्जा जम लिया है।

रफाह में बेगुनाहों की हुई थी मौत

बता दें कि कुछ दिनों पहले इजरायल ने राफा पर हमले किए थे। इस हवाई हमले में की वजह से शरर्णार्थी शिविर में आग लग गई, जिसमें 45 निर्दोष लोगों की जान चली गई। दुनियाभर में इजरायल के इस कार्रवाई की निंदा हुई थी। खुद इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी इस घटना पर दुख जताया था।

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