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क्षेत्रीय तनाव के बीच पहली आधिकारिक यात्रा पर यूएई पहुंचे इजरायल के राष्ट्रपति आइजक हरजोग

इस दौरान हरजोग ने कहा कि उनका देश यूएई की सुरक्षा आवश्यकताओं का समर्थन करता है। यूएई और इजरायल के बीच वर्ष 2020 में अमेरिका की मध्यस्थता से हुए राजनयिक समझौते के बाद संबंध सामान्य हो गए थे।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Updated: Sun, 30 Jan 2022 10:28 PM (IST)
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इजरायल के राष्ट्रपति ने कहा, यूएई की सुरक्षा जरूरतों का हमारा देश करता है पूरा समर्थन
दुबई, एपी। इजरायल के राष्ट्रपति आइजक हरजोग अपनी पहली आधिकारिक यात्रा पर रविवार को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) पहुंचे। क्षेत्र में बढ़ते तनाव के बीच उनकी इस यात्रा को दोनों देशों की बीच संबंधों के प्रगाढ़ होने के संकेत के रूप में देखा जा रहा है। इस दौरान हरजोग ने कहा कि उनका देश यूएई की सुरक्षा आवश्यकताओं का समर्थन करता है। यूएई और इजरायल के बीच वर्ष 2020 में अमेरिका की मध्यस्थता से हुए राजनयिक समझौते के बाद संबंध सामान्य हो गए थे।

इजरायली राष्ट्रपति के कार्यालय ने कहा कि हरजोग ने अबूधाबी के क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायेद अल नाहयान के साथ मुलाकात की। वह यूएई में रह रहे यहूदी समुदाय के सदस्यों से भी मिलेंगे। रायटर के अनुसार, शेख मोहम्मद के साथ बैठक में हरजोग ने कहा, 'हम यूएई की सुरक्षा आवश्यकताओं का पूरी तरह समर्थन करते हैं और किसी भी प्रकार के आतंकी हमले की निंदा करते हैं। हम यहां इसलिए एकत्र हुए हैं, ताकि क्षेत्र के अमनपसंद लोगों के लिए शांति का माध्यम तलाश सकें।' शेख मोहम्मद ने कहा कि दोनों देश क्षेत्रीय सुरक्षा व स्थायित्व के मुद्दों पर समान दृष्टिकोण रखते हैं। खासकर, आतंकियों द्वारा पेश की जाने वाली चुनौतियों के मुद्दे पर।

इससे पहले अबूधाबी पहुंचने पर यूएई के विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायेद अल नाहयान ने हरजोग का गर्मजोशी से स्वागत किया। इजरायल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट ने भी पिछले महीने यूएई का पहला आधिकारिक दौरा किया था।

इस यात्रा का उद्देश्य पूरे पश्चिम एशिया में शांति का संदेश देना : हरजोग

हरजोग ने यूएई रवाना होने से कुछ देर पहले कहा था कि उनकी इस यात्रा का उद्देश्य पूरे पश्चिम एशिया में शांति का संदेश देना है। पश्चिम एशियाई देश यमन में पिछले सात वर्षों से जारी गृह युद्ध की आंच पिछले महीने पहली बार यूएई तक पहुंच गई थी, जब सऊदी अरब के नेतृत्व वाले गठबंधन के खिलाफ लड़ रहे यमन के ईरान समर्थित हाउती विद्रोहियों ने अबूधाबी में हुए हवाई हमलों के जिम्मेदारी ली थी। इन हमलों में दो भारतीय समेत तीन लोगों की मौत हो गई थी।