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गाजा, लेबनान के बाद अब सीरिया पर इजरायल का सबसे घातक हमला, एयर स्ट्राइक में 16 को मारा; सैन्य ठिकाना तबाह

अप्रैल महीने के बाद इजरायल ने सीरिया पर सबसे घातक हमला किया है। इस हमले में 16 लोगों की जान गई है। वहीं 36 लोग घायल हैं। इनमें से छह की हालत नाजुक है। इजरायल ने सीरिया में स्थित एक रासायनिक हथियार बनाने वाले सैन्य अनुसंधान केंद्र को निशाना बनाया है। सीरिया के विदेश मंत्रालय ने हमले की निंदा की। हालांकि इस पर इजरायल ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Mon, 09 Sep 2024 05:32 PM (IST)
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लेबनान में इजरायली एयर स्ट्राइक के बाद उठता धुआं। (फोटो- रॉयटर्स)
रॉयटर्स, अम्मान/काहिरा। इजरायल ने गाजा, लेबनान के बाद अब सीरिया पर एयर स्ट्राइक की है। इस बात की जानकारी सीरिया के सरकारी मीडिया ने सोमवार को दी। इसमें कहा गया कि पश्चिमी सीरिया में रातभर में इजरायली हवाई हमलों में 16 लोगों की जान गई है और 36 लोग घायल हुए हैं। अप्रैल में दमिश्क स्थित ईरानी दूतावास परिसर पर हमले के बाद यह सीरिया में इजरायल का सबसे घातक हमला है। हालांकि इजरायल ने अभी तक कोई प्रतिक्रियी नहीं दी है।

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सीरिया ने कुछ मिसाइलों को मार गिराया

सीरियाई सरकारी समाचार एजेंसी सना के मुताबिक इजरायल ने रविवार को रात करीब 11:20 बजे एयर स्ट्राइक की। उसने मध्य क्षेत्र में कई सैन्य स्थलों को निशाना बनाया। हालांकि सीरिया ने कुछ मिसाइलों को मार गिराया। हमले में 36 लोग घायल हुए हैं। इनमें से छह की हालत गंभीर है। दो खुफिया सूत्रों ने बताया कि भूमध्यसागरीय तट के पास हामा प्रांत में मस्याफ के पास स्थित सैन्य अनुसंधान केंद्र पर कई बार हमला किया गया।

सीरिया ने हमले की निंदा की

यह रासायनिक हथियार उत्पादन का प्रमुख केंद्र है। माना जा रहा है कि यह हथियार उत्पादन में शामिल ईरानी सैन्य विशेषज्ञों की एक टीम का घर है। हालांकि, दमिश्क और तेहरान के करीबी एक वरिष्ठ क्षेत्रीय सैन्य सूत्र ने इस बात से इनकार किया है। सीरियाई विदेश मंत्रालय ने हमले की निंदा की।

हमले पर ईरान ने भी दी प्रतिक्रिया

ईरान के विदेश मंत्री के प्रवक्ता नासिर कनानी ने कहा कि तेहरान सीरिया में आपराधिक हमले की कड़ी निंदा करता है। उन्होंने कहा कहा, "हम जायोनी शासन (इजराइल) से जुड़े मीडिया आउटलेट्स द्वारा ईरानी केंद्र या ईरान के संरक्षण में किसी केंद्र पर हमले के बारे में बताई गई बातों की पुष्टि नहीं करते हैं।"

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