सीजफायर के तहत हमास ने इजरायली कैदियों को रिहा किया और अब वह उस मंजर को याद करते है कि वह हमास के आतंकियों के बीच कैसे रहते थे। खराब पोषण और एकांत कारावास में बंधकों को रखा गया, जिसे हमास की पर्दे के पीछे की सच्चाई साफ-साफ नजर आ रही है।
160 से अधिक बंधक अभी भी गाजा में मौजूद
24 नवंबर को कतर और मिस्र की मध्यस्थता वाले समझौते के प्रभावी होने के बाद से फलिस्तीनी समूहों ने 50 से अधिक इजरायली महिलाओं और बच्चों को रिहा कर दिया है। साथ ही कई अन्य विदेशी नागरिकों को भी रिहा किया, जिनमें कम से कम 17 थाई लोग भी शामिल हैं।
बता दें कि 7 अक्टूबर को हमास के हमलों में बनाए गए 160 से अधिक अन्य बंधक अभी भी गाजा पट्टी में रखे गए हैं। युद्धविराम के तहत रिहा किए गए किसी भी बंधक ने अब तक उन परिस्थितियों की कोई जानकारी नहीं दी है जहां वह बंधक बनकर रह रहे थे।
सभी बंधकों की रिहाई की मांग
अस्पतालों को किसी भी बंधक के हालात को लेकर खुलासा करने से परहेज करने का निर्देश दिया गया है, क्योंकि इससे अभी भी बंदी बनाए गए लोगों को नुकसान पहुंच सकता है। हालांकि, बंधकों का इलाज कर रहे चिकित्सा पेशेवरों द्वारा कुछ जानकारी सामने धीरे-धीरे आ रही हैं। वहीं, रिश्तेदार मांग कर रहे हैं कि इजरायली सरकार यह सुनिश्चित करे कि सभी बंधकों की रिहाई हो।
खाना कम मिलने के कारण वजन हुआ कम
शमीर मेडिकल सेंटर में 17 रिहा किए गए थाई नागरिकों का इलाज किया गया। इस सेंटर के मेडिकल टीम के प्रमुख रोनित जैडेनस्टीन ने कहा कि उन्हें कैद में 'बहुत ही गैर-पौष्टिक भोजन' खिलाया जाता था। उन्होंने कहा कि जो लोग हमारे पास आए, उन्होंने इतने कम समय में अपने शरीर का काफी वजन कम कर लिया है।
ऑफलाइन लिए गए एक साक्षात्कार में, मुक्त बंधकों की देखभाल करने वाली मुख्य सुविधाओं में से एक वोल्फसन मेडिकल सेंटर की एक डॉक्टर, मार्गारीटा मशावी ने भी कई खुलासे है। वाईनेट समाचार साइट ने सोमवार को उनके हवाले से बताया कि बंधकों को अंधेरे में रखा जाता था। वह केवल दो घंटे के लिए ही बिजली की सुविधा देते थे।
खाने में मिलता था चावल, लिखने को नहीं देते थे पेंसिल
मरीजों ने बताया कि उन्हें भोजन में चावल, ह्यूमस और फवा बीन्स, और कभी-कभी पीटा के साथ नमकीन पनीर खाने को मिलता था, लेकिन इससे अधिक नहीं। कोई फल नहीं, कोई सब्जियां नहीं, कोई अंडे नहीं। मशावी बताती है कि जब उन्होंने समय बिताने के लिए लिखने के लिए पेंसिल या पेन मांगा, तो हमास के लोगों ने इसकी अनुमति नहीं दी क्योंकि उन्हें डर था कि वे जानकारी को लिखित रूप में प्रसारित करेंगे। न कोई टेलीविजन न पढ़ने के लिए किताबें मिलती थी। सभी केवल एक दूसरे के साथ बातचीत कर अपना समय बिताते थे।
सोमवार को रिहा हुए 12 वर्षीय फ्रांसीसी-इजरायली लड़के इतान याहलोमी की दादी एस्तेर येली ने वाल्ला समाचार वेबसाइट को बताया कि उसे 16 दिनों तक एकांत कारावास में रखा गया था। उन्होंने कहा, 'वे दिन जब वह अकेले थे, वो रात काफी भयानक थी।
रिहाई के बाद अस्पताल में किया गया भर्ती
मुक्त किए गए बंधकों में से दो को उनकी रिहाई के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिसमें 84 वर्षीय एल्मा अव्राहम भी शामिल हैं। बंधकों की वापसी के लिए इजरायली स्वास्थ्य मंत्रालय के संचालन के प्रमुख हागर मिजराही ने एएफपी को बताया कि उन्हें 'भयानक परिस्थितियों' में रखा गया था।
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