इजरायल-हमास युद्ध के बीच भारतीय महिला को बचाया गया सुरक्षित, गाजा पट्टी में हो रहे डरावने मंजर को किया याद
युद्धग्रस्त गाजा में फंसी कश्मीर की एक भारतीय महिला सुरक्षित मिस्र पहुंच गई है। रविवार को पीटीआई को एक टेलीफोन कॉल में लुबना ने पुष्टि की कि उनका नाम उन लोगों में शामिल है जो गाजा छोड़ सकते हैं। इस संभव प्रयास के लिए उन्होंने क्षेत्र में रामल्लाह तेल अवीव और काहिरा में भारतीय मिशनों को धन्यवाद दिया। लुबना ने मदद के लिए फोन पर पीटीआई से संपर्क किया था।
By AgencyEdited By: Nidhi AvinashUpdated: Tue, 14 Nov 2023 03:46 PM (IST)
पीटीआई, यरूशलम। Israel Hamas War: युद्धग्रस्त हमास शासित गाजा में फंसी कश्मीर की एक भारतीय महिला सुरक्षित मिस्र पहुंच गई है। महिला के पति के अनुसार, भारतीय मिशन की मदद से लुबना नजीर शाबू और उनकी बेटी करीमा ने सोमवार शाम को मिस्र और गाजा के बीच राफा सीमा पार की।
गाजा से समाचार एजेंसी PTI को भेजे एक टेक्स्ट संदेश में लुबना के पति नेडाल टोमन ने कहा, 'वे अल-अरिश (मिस्र का एक शहर) में हैं। कल सुबह (मंगलवार) वे काहिरा चले जाएंगे।'
राफा क्रॉसिंग को खोला गया
बता दें कि गाजा से एकमात्र निकास मार्ग, मिस्र के साथ राफा क्रॉसिंग है। इसे पिछले कुछ हफ्तों में मानवीय आपूर्ति को गाजा में प्रवेश करने और कुछ विदेशी नागरिकों और घायल लोगों को दूसरी तरफ जाने देने के लिए कभी-कभार खोला जाता है।रविवार को पीटीआई को एक टेलीफोन कॉल में लुबना ने पुष्टि की कि उनका नाम उन लोगों में शामिल है जो गाजा छोड़ सकते हैं। इस संभव प्रयास के लिए उन्होंने क्षेत्र में रामल्लाह, तेल अवीव और काहिरा में भारतीय मिशनों को धन्यवाद दिया। बता दें कि 10 अक्टूबर को लुबना ने निकासी के लिए मदद मांगने के लिए फोन पर पीटीआई से संपर्क किया था। उन्होंने PTI से कहा, 'हम यहां एक क्रूर युद्ध का सामना कर रहे हैं और कुछ ही सेकंड में सब कुछ नष्ट हो जाएगा और बमबारी लगातार जारी है।'
भारत के प्रतिनिधि कार्यालय से मांगी थी मदद
7 अक्टूबर को हमास आतंकवादियों द्वारा किए गए हमलों के बाद, इजरायल ने जवाबी हमला शुरू करते हुए युद्ध की घोषणा की। लुबना ने अपने परिवार के साथ गाजा के दक्षिणी हिस्से में जाने से पहले पीटीआई को बताया था कि 'यहां बहुत ही डरावनी स्थिति है। बमबारी की आवाजें बहुत डरावनी हैं और पूरा घर हिल गया है।'लुबना ने कहा था कि उन्होंने ऐसा मंजर कभी नहीं देखा था और उनके साथ दो परिवार भी रहते थे जिन्हें गाजा के सीमावर्ती इलाकों में बमबारी के बाद भागना पड़ा था। उन्होंने कहा था कि 'हम कहीं भी नहीं जा पा रहे हैं क्योंकि हमारे लिए कहीं भी कोई जगह सुरक्षित नहीं है और गाजा पट्टी बहुत छोटी है और यह हर तरफ से बंद है। उन्होंने पीटीआई-भाषा को भेजे गए एक वीडियो संदेश में कहा था, 'मैंने अपने पति और बेटी के साथ सुरक्षित स्थान पर जाने में मदद के लिए रामल्ला में भारत के प्रतिनिधि कार्यालय से पहले ही मदद मांगी है।'
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