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भारत के बारे में गलत बयानी पड़ी भारी, WTO राजदूत पद से हटाई गईं थाईलैंड की राजनयिक

वैश्विक मंच पर गरीब व विकासशील देशों के नेता के रूप में उभर रहे भारत के विकास में विकसित देश टांग अड़ाना चाहते हैं। दूसरी तरफ नई दिल्ली में मौजूद थाईलैंड के राजदूत को भी भारत ने तलब कर पिटफिल्ड के गलत बयानबाजी पर आपत्ति जाहिर की थी। पहले से तय अवधि के मुताबिक 29 फरवरी को डब्ल्यूटीओ एमसी13 का आयोजन समाप्त होना था लेकिन फिर इसे बढ़ाया गया।

By Jagran News Edited By: Shalini Kumari Updated: Fri, 01 Mar 2024 06:12 PM (IST)
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भारत के चावल निर्यात को लेकर गलत बयानबाजी थाईलैंड को पड़ी भारी (

राजीव कुमार, अबू धाबी। विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के मिनिस्टि्रयल कांफ्रेंस में भारत के चावल निर्यात को लेकर गलत बयानबाजी और भारत की छवि को धक्का पहुंचाने की कोशिश थाईलैंड की राजदूत पिमचोंक वोनकोर्पोन पिटफिल्ड को भारी पड़ गई। उनके रवैये पर भारत की कड़ी आपत्ति के बाद डब्ल्यूटीओ में थाईलैंड की इस राजदूत को अब थाईलैंड वापस बुला लिया गया है।

अबू धाबी में हो रहा आयोजन

अबू धाबी में एमसी13 का आयोजन हो रहा है, जहां दो दिन पहले अनाज के पब्लिक स्टाकहोल्डिंग (पीएसएच) मुद्दे पर चर्चा के दौरान थाईलैंड की राजदूत ने भारत के बारे में गलत बयानबाजी करते हुए कहा था कि भारत सस्ते में अनाज की सरकारी खरीद कर उसका 40 प्रतिशत निर्यात कर देता है। जबकि यह अनाज की खरीदारी गरीबों को देने के लिए की जाती है। पिटफिल्ड के इस बयान पर चर्चा में मौजूद कई देशों ने अपना समर्थन दिया, जो भारत को नागवार गुजरा है।

40 प्रतिशत हिस्से की होती है सरकारी खरीद

असलियत यह है कि भारत अपने अनाज उत्पाद का 40 प्रतिशत हिस्से की सरकारी खरीद करता है। अन्य हिस्सा खुले बाजार में बेचा जाता है। सरकारी खरीद वाले हिस्से का निर्यात नहीं किया जाता है। भारत अपनी खाद्य सुरक्षा के लिए किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अनाज की खरीदारी करता है, जिसे गरीबों को राशन के तहत मुफ्त में या कम दाम में दिए जाते हैं।

पीएसएच मुद्दे पर चर्चा में शामिल होगा भारत

सूत्रों के मुताबिक वैश्विक मंच पर गरीब व विकासशील देशों के नेता के रूप में उभर रहे भारत के विकास में विकसित देश टांग अड़ाना चाहते हैं। थाईलैंड की राजदूत भी इन विकसित देश की शह पर ही एमसी13 में भारत के अनाज निर्यात के बारे में गलत बयानबाजी की थी। इस बयानबाजी के बाद भारत ने डब्ल्यूटीओ अध्यक्ष से कड़ी आपत्ति जाहिर करते हुए साफ कह दिया था कि पिटफिल्ड को डब्ल्यूटीओ से हटाने के बाद ही भारत पीएसएच मुद्दे पर चर्चा में हिस्सा लेगा।

पिटफिल्ड के गलत बयानबाजी पर जाहिर की आपत्ति

दूसरी तरफ नई दिल्ली में मौजूद थाईलैंड के राजदूत को भी भारत ने तलब कर पिटफिल्ड के गलत बयानबाजी पर आपत्ति जाहिर की थी। अब उन्हें डब्ल्यूटीओ में था, इंईलैंड के राजदूत पद से मुक्त कर दिया गया है। पहले से तय अवधि के मुताबिक 29 फरवरी को डब्ल्यूटीओ एमसी13 का आयोजन समाप्त होना था, लेकिन नतीजे तक पहुंचने के लिए इस आयोजन को एक मार्च तक के लिए बढ़ा दिया गया है।

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