Ismail Haniyeh इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद ने पूरी प्लानिंग के जरिए हमास चीफ इस्माइल हानिया को मौत के घाट उतार दिया। दिलचस्प बात है कि मई महीने में ही मोसाद हानिया को मौत के घाट उतारने वाला था लेकिन ऐसा नहीं हो सका। दो महीने के इंतजार के बाद आखिरकार तेहरान में हमास चीफ की बम धमाके में हत्या हो गई।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हमास चीफ इस्माइल हानिया (Ismail Haniyeh) की मौत के बाद ईरान और इजरायल आमने-सामने खड़े हो चुके हैं। कुछ दिनों पहले समचार पत्र न्यू यॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में दावा किया गया था कि हानिया की मौत बम विस्फोट से हुई है।
विस्फोटक डिवाइस को दो महीने पहले तेहरान के उस गेस्ट हाउस में छिपाकर रखा गया था, जहां हानिया ठहरने वाला था। इसके बाद हमास चीफ की मौत को लेकर एक और बड़ा खुलासा हुआ है।
मई में ही मोसाद ने बनाई थी प्लानिंग
द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद (Mossad) ने पूरी प्लानिंग के जरिए इस बम विस्फोट को अंजाम दिया है। दिलचस्प बात है कि मई महीने में ही मोसाद, हानिया को मौत के घाट उतारने वाला था, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
मई में हेलीकॉप्टर क्रैश में राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की मौत हो गई थी। इब्राहिम रईसी की शोक सभा में इस्माइल हानिया भी पहुंचा था, लेकिन लोगों की जबरदस्त भीड़ की वजह से मोसाद को डर था कि 'ऑपरेशन हानिया' असफल हो सकता है, इसलिए मिशन को टाल दिया गया ।
ईरान के दो अधिकारियों ने समाचार पत्र द टेलीग्राफ को जानकारी दी कि भले ही मोसाद ने मई में इस्माइल हानिया पर हमला नहीं किया, लेकिन इजरायी खुफिया विभाग को ये जानकारी थी कि ईरान में आकर हानिया कहां ठहरता है।
मोसाद ने जुटा ली थी गेस्ट हाउस की पूरी जानकारी
मोसाद ने तेहरान स्थित निशात, उसके कंपाउंड, वहां की सुरक्षा और अंदर मौजूद गेस्ट हाउस के बारे में सभी जानकारी जुटा ली। मोसाद को पता चल गया कि हानिया जब भी तेहरान आता है तो वो निशात के किस गेस्ट हाउस के किस कमरे में ठहरता है। बता दें कि इस कंपाउंड में सीक्रेट मीटिंग्स का आयोजन किया जाता था। वहीं, हानिया जैसे हाई प्रोफाइल गेस्ट को ठहराया जाता था।
कैसे कमरे में पहुंचा बम?
मोसाद के सामने सबसे बड़ी परेशानी थी कि आखिर इस कंपाउंड और गेस्ट हाउस के भीतर कैसे जाया जाए। इसके लिए मोसाद ने दो ईरानी सुरक्षा एजेंट को इस काम के लिए तैयार करवा लिया। इस दो एजेंट ने निशात गेस्ट हाउस के तीन कमरों में बम प्लांट कर दिए। फिर दो महीने तक मोसाद ने हानिया की गतिविधियों पर नजर रखी।
मोसाद को पूरी उम्मीद थी कि इसी तीन कमरे में इस्माइल हानिया ठहरेगा। सीसीटीव फुटेज में दोनों ईरानी अधिकारियों को इन तीन कमरों में आते-जाते देखा गया।हालांकि, इस बात की जानकारी सामने नहीं आई कि बुधवार को जो धमाका हुआ उसके लिए कौन जिम्मेदार है। हालांकि, ये बात तो साफ है कि कमरे में विस्फोट की वजह से ही इस्माइल हानिया और उसका बॉडीगार्ड मारा गया। बता दें कि कमरे में बम लगाने वाले दोनों ईरानी अधिकारी देश छोड़कर फरार हो चुके हैं।
IRGC के बीच मची अफरा तफरी
ईरान के अधिकारी ने द टेलीग्राफ को बताया कि इस घटना ने ईरान की आंतरिक सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। वहीं, ईरान इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प के अधिकारियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का खेल चल रहा है।
इस हमले के बाद ईरान के सर्वोच्च नेता अली ख़ामेनेई ने कई बार सभी कमांडरों को बुलाया है। वह जानना चाहते हैं कि आखिर किसने हमास चीफ की हत्या की है। हत्या जिसने भी की हो, जैसे भी को हो,लेकिन हमास चीफ के मारे जाने से इजरायल खुश है।
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