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9 महीने तक हमास के चंगुल में थी नोआ अर्गामनी, अब सुना रही आपबीती; क्या सच में हुई थी इजरायली महिला के साथ मारपीट?

7 अक्टूबर को हमास द्वारा इजरायल पर हमला करने के बाद कई लोगों को बंधक बना लिया गया था। 8 जून को इजरायली सेना ने कई बंधकों को बचाया जिसमें से एक हैं नोआ अर्गामनी। नोआ ने उस समय को याद कर इजरायल और जी7 देशों के राजनयिकों के साथ एक बैठक के दौरान अपनी आपबीती सुनाई। नोआ ने बताया कि उसे विश्वास नहीं हो रहा कि वो जिंदा है।

By Jagran News Edited By: Nidhi Avinash Updated: Sat, 24 Aug 2024 03:15 PM (IST)
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9 महीने तक हमास के चंगुल में थी नोआ अर्गामनी (Image: Instagram)
डिजिटल डेस्क, यरुशलम। पिछले साल 7 अक्टूबर को हमास ने इजरायल में भारी तबाही मचाई थी। हमास के लड़ाकों ने एक म्यूजिक फेस्टिवल के दौरान कई महिलाओं और पुरुषों का अपहरण कर लिया था। इसमें से एक थी 25 वर्षीय नोआ अर्गामनी। 8 जून को गाजा में नुसेरात शरणार्थी शिविर पर छापे के दौरान इजरायली विशेष बलों ने उन्हें मुक्त कराया था।

नोआ अर्गामनी ने सुनाई आपबीती

नोआ अर्गामनी ने इस हफ्ते की शरुआत में तोक्यो में इजरायल और जी7 देशों के राजनयिकों के साथ एक बैठक के दौरान अपनी आपबीती सुनाई। कई मीडिया रिपोर्ट में ये दावा किया गया था कि हमास लड़ाकों ने नोआ को बंधक बनाकर पीटा था और उसके बाल तक काट दिए थे। हालांकि, उन्होंने इस दावे को गलत और झूठा बताया है। 

क्या सही में हुई थी नोआ के साथ मारपीट

नोआ ने बताया कि वह इजरायली हवाई हमले के कारण दीवार गिरने की घटना में घायल हो गई थी। हालांकि, बाद में उन्होंने स्पष्ट किया कि उनके शब्दों को संदर्भ से बाहर ले जाया गया। उन्होंने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरीज में एक पोस्ट शेयर किया है जिसमें उन्होंने लिखा, 'मैं पिछले 24 घंटों में इजरायली मीडिया द्वारा मेरे साथ किए गए व्यवहार को नजरअंदाज नहीं कर सकती, मेरे शब्दों को संदर्भ से बाहर ले जाया गया।'

नोआ के पोस्ट में लिखा था 'जब मैं कैद में थी, तब अल कस्साम ब्रिगेड के सदस्यों ने मुझे नहीं मारा, न ही उन्होंने मेरे बाल काटे; मैं इजरायली हवाई हमले के कारण दीवार गिरने से घायल हो गई थी।' अरगामनी ने इस बात पर जोर दिया कि 'कैद के दौरान किसी ने मुझे नहीं मारा, लेकिन हवाई हमले के बाद मेरे पूरे शरीर पर चोटें आईं।'

7 अक्टूबर को हुआ था अपहरण

बता दें कि 26 वर्षीय नोआ 7 अक्टूबर के हमलों के दौरान नोवा संगीत समारोह से हमास द्वारा अपहृत किए गए सैकड़ों लोगों में से एक थी। अरगामनी ने उस समय को याद किया जब उन्हें हमास के आतंकवादियों ने बंदी बना लिया था। उन्होंने कहा, 'हर रात मैं सो रही थी और सोच रही थी कि यह मेरे जीवन की आखिरी रात हो सकती है।'

जब उन्हें इज़रायली अधिकारियों द्वारा बचाया गया तो अरगामनी को यह विश्वास ही नहीं हुआ कि वह अभी भी जिंदा है। पिछले साल 7 अक्टूबर को हमास ने लगभग 251 लोगों को बंधक बनाया था। इजरायली सेना के अनुसार, इनमें से 34 मृतकों सहित 105 लोग अभी भी गाजा के अंदर हैं।

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