ध्वस्त इमारतें, 14 लाख बेघर फलस्तीनी का शरण रफाह; इजरायली कहर में खंडहर बना गाजा का दूसरा सबसे बड़ा शहर
गाजा पट्टी के दूसरे बड़े शहर खान यूनिस से इजरायली सैनिक वापस हो गए हैं और मूल निवासी फलस्तीनियों का वहां पहुंचना शुरू हो गया है। इस बीच इजरायल के रक्षा मंत्री योएव गैलेंट ने कहा है कि रफाह में कार्रवाई के लिए जल्द ही वहां पर सेना की नई टुकड़ियां तैनात की जाएंगी। मिस्त्र की सीमा के करीब स्थित रफाह में करीब14 लाख बेघर फलस्तीनी शरण लिए हुए हैं।
यरुशलम, एपी। गाजा पट्टी के दूसरे बड़े शहर खान यूनिस से इजरायली सैनिक वापस हो गए हैं और मूल निवासी फलस्तीनियों का वहां पहुंचना शुरू हो गया है। लेकिन खंडहर में तब्दील इस शहर में पहले वाली रौनक आने में शायद वर्षों का समय लगेगा। इस बीच इजरायल के रक्षा मंत्री योएव गैलेंट ने कहा है कि रफाह में कार्रवाई के लिए जल्द ही वहां पर सेना की नई टुकड़ियां तैनात की जाएंगी।
14 लाख बेघर फलस्तीनी शरण में
मिस्त्र की सीमा के करीब स्थित रफाह में करीब 14 लाख बेघर फलस्तीनी शरण लिए हुए हैं। बीते छह महीने की बमबारी और गोलाबारी में खान यूनिस की ज्यादातर इमारतें ध्वस्त या बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई हैं। स्कूल, अस्पताल, शॉपिंग काम्प्लेक्स और अन्य सार्वजनिक भवनों का भी यही हाल है। सुरंगों की तलाश में इजरायली सेना ने तमाम स्थानों पर खोदाई की है। खोदाई वाले स्थानों में सड़कें और कई भवन शामिल हैं। इस खोदाई और टैंकों के गुजरने से ज्यादातर सड़कें भी बर्बाद हो गई हैं।
हवाई हमले रुकने पर सबसे बड़ी चुनौती
इजरायली सेना की वापसी और उसके बाद हवाई हमले रुकने पर सबसे बड़ी चुनौती मलबे को हटाने की होगी। दिसंबर 2023 में शहर छोड़कर गए महमूद आब्देल गनी वापस लौट आए हैं लेकिन उन्हें अपना घर और उसके आसपास के मकान ध्वस्त मिले हैं। अब उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती रहने के लिए इंतजाम करने की है। वह कहते हैं कि शहर अब आमजनों के रहने के लिए नहीं बचा है। यह शहर हमास का गढ़ हुआ करता था।
इजरायली सेना की वापसी के बाद पता चलेगा कि वहां पर हमास का कितना प्रभाव बचा है। वैसे इजरायली सेना का मानना है कि सुरंगों में अभी भी हमास के लड़ाके मौजूद हैं, वहां पर इजरायली बंधक भी हो सकते हैं। गाजा के अन्य स्थानों पर लड़ाई जारी है। ताजा लड़ाई में मारे गए लोगों को मिलाकर गाजा में मरने वाले फलस्तीनियों की कुल संख्या बढ़कर 33,207 हो गई है।