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'जल्द से जल्द रुकना चाहिए युद्ध', खाड़ी देशों के साथ बैठक में गाजा के हालात पर क्या बोले एस जयशंकर?

S Jaishankar विदेश मंत्री एस जयशंकर सउदी अरब की राजधानी रियाद के दौरे पर पहुंचे हैं। यहां उन्होंने भारत-खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) के विदेश मंत्रियों की पहली बैठक में हिस्सा लिया। बैठक में अपने संबोधन के दौरान विदेश मंत्री ने गाजा में चल रहे युद्ध पर चिंता जताते हुए कहा कि भारत संघर्ष विराम का समर्थन करता है और युद्ध जल्द से जल्द रुकना चाहिए।

By Jagran News Edited By: Sachin Pandey Updated: Mon, 09 Sep 2024 07:58 PM (IST)
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एस जयशंकर ने भारत-खाड़ी सहयोग परिषद के विदेश मंत्रियों की पहली बैठक को संबोधित किया। (File Image)

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर भारत-खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) के विदेश मंत्रियों की पहली बैठक में हिस्सा लेने के लिए सउदी अरब की राजधानी रियाद के दौरे पर हैं। इस बैठक का उद्देश्य भारत और खाड़ी देशों के बीच संबंधों को मजबूत करना है। अपनी यात्रा के दौरान विदेश मंत्री ने सोमवार को जीसीसी सदस्य देशों के अपने समकक्षों के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी की।

पहली भारत-जीसीसी मंत्रिस्तरीय बैठक में विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने अपने संबोधन की शुरूआत में कहा कि सामरिक वार्ता के लिए इस बैठक में भाग लेना और उसे संबोधित करना मेरे लिए बहुत खुशी की बात है। हमारी आज की बैठक न केवल हमारी उपलब्धियों पर विचार करने का अवसर है, बल्कि भविष्य के लिए एक महत्वाकांक्षी और दूरगामी मार्ग तैयार करने का अवसर भी है।

गाजा के हालात पर जताई चिंता

एस जयशंकर ने बैठक को संबोधित करते हुए गाजा में चल रहे संघर्ष पर भी चिंता व्यक्त की और युद्ध विराम का आह्वान किया। विदेश मंत्रालय के अनुसार एस जयशंकर ने संबोधन में कहा, 'गाजा में मौजूदा स्थिति अब जाहिर तौर पर हमारी सबसे बड़ी चिंता है। इस संबंध में भारत का रुख सैद्धांतिक और सुसंगत रहा है। हम आतंकवाद और बंधक बनाने की घटनाओं की निंदा करते हैं, लेकिन निर्दोष नागरिकों की लगातार हो रही मौतों से हमें गहरा दुख है।'

'फिलिस्तीनी मुद्दे के समाधान के लिए खड़े हैं' 

विदेश मंत्री ने कहा, 'किसी भी प्रतिक्रिया में मानवीय कानून के सिद्धांतों को ध्यान में रखना चाहिए। हम यथाशीघ्र युद्ध विराम का समर्थन करते हैं। बड़े मुद्दे पर, हम लगातार दो-राज्य समाधान के माध्यम से फिलिस्तीनी मुद्दे के समाधान के लिए खड़े हैं। हमने फिलिस्तीनी संस्थानों और क्षमताओं के निर्माण में भी योगदान दिया है। जहां तक मानवीय स्थिति का सवाल है, हमने राहत प्रदान की है और UNRWA को अपना समर्थन बढ़ाया है।'

एस जयशंकर ने बैठक के दौरान अपने संबोधन में कहा, 'साथियों, कभी-कभी प्रतिकूल परिस्थितियां ही दोस्ती के वास्तविक महत्व को सामने लाती हैं। महामारी ने रेखांकित किया कि स्वास्थ्य सुरक्षा, खाद्य सुरक्षा और समुद्री सुरक्षा के लिए हम एक-दूसरे के लिए कितने प्रासंगिक हैं। इसी तरह, AI, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और ग्रीन ग्रोथ की मांगें मानव संसाधनों को साझा करने के महत्व को उजागर करती हैं।'