चीन के खिलाफ सऊदी अरब की बड़ी कार्रवाई, 184 चीनी वेबसाइटों को किया बंद, जानें क्या थे आरोप
सऊदी अरब (Saudi Arabia) ने खराब मिलावटी सामान और नकली ऑफर देने को लेकर 184 चीनी वेबसाइटों को बंद कर दिया है। गुल्फ न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक ये वेबसाइटें सऊदी अरब के बाजार को निशाना बना रही थीं।
By Krishna Bihari SinghEdited By: Updated: Fri, 12 Mar 2021 12:34 AM (IST)
रियाद, एएनआइ। सऊदी अरब (Saudi Arabia) ने खराब, मिलावटी सामान बेचने और फर्जी ऑफर देने को लेकर 184 चीनी वेबसाइटों को बंद कर दिया है। गुल्फ न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक ये वेबसाइटें सऊदी अरब के बाजार को निशाना बना रही थीं। अल जज़ीरा अखबार ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ये वेबसाइटें उपभोक्ताओं को रिटर्न, एक्सचेंज और आफ्टर सेल्स सेवाओं का विकल्प देने में भी नाकाम रहीं। यही नहीं इन्होंने गुणवत्ता के मामले में खरीदारों को गुमराह किया। सऊदी अरब के मंत्रालय ने इन सभी साइटों को ब्लॉक कर दिया है।
रिपोर्टों में कहा गया है कि इन वेबसाइटों पर ग्राहक सेवा के साथ साथ स्टोर का पता और संपर्क नंबर दर्ज नहीं हैं। सऊदी अरब की सरकार ने सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचारित विज्ञापनों से निपटने के लिए आम लोगों से खरीदारी के लिए विश्वसनीय स्टोरों की सेवाएं लेने को ही कहा है। समाचार एजेंसी एएनआइ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अधिकारियों ने महसूस किया कि लोग अरबी भाषा में जारी विज्ञापनों से आकर्षित हो रहे हैं। खास तौर पर उन विज्ञापनों से जो उनसे जुड़े हैं।
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान में भी चीन को जोरदार झटका लगा है। पाकिस्तान की सरकार ने चीनी एप टिकटॉक पर पाबंदी लगाने का फैसला किया है। पेशावर हाई कोर्ट के फैसले के बाद यह कदम उठाया गया है। पाकिस्तान की नियामक संस्था पाकिस्तान टेलीकॉम अथॉरिटी (पीटीए) के एक प्रवक्ता खुर्रम मेहरन ने बताया कि संस्था अदालत के आदेश का पालन करेगी। अदालत में याचिका के जरिए गुहार लगाई गई थी कि एप के माध्यम से अश्लील सामग्री परोसी जा रही है।
अधिकारियों ने जब ऐसी एक साइट को ब्लॉक किया तो पांच अन्य वेबसाइटें खुलीं जिनके माध्यम से बिक्री हुई। अधिकारियों ने बताया कि 184 वेबसाइटों को एक ही समय में ज्यादा से ज्यादा लोगों को आकर्षित करने की मंशा से लॉन्च किया गया था। यही वजह है कि इन सभी को ब्लॉक करना पड़ा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इलेक्ट्रॉनिक्स के सामान, इत्र, बैग, जूते, कपड़े और सौंदर्य प्रसाधन इन वेबसाइटों के जरिए बेचे गए। मंत्रालय ने छानबीन करने के बाद इनके खिलाफ कार्रवाई की।