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Sri Lanka Food Crisis: संकटग्रस्त श्रीलंका में स्थिति बेकाबू, कोलंबो के सुपरमार्केट में नहीं मिल रहे अंडे और ब्रेड

Sri Lanka Food Crisis श्रीलंका में आर्थिक और राजनितिक हालात दोनों ही खराब हैं। अभूतपूर्व आर्थिक संकट का सामना कर रहे श्रीलंका की हालात यह है कि अब लोगों के पास खाने को भोजन नहीं है। लोग खाने को त्राहि-त्राहि मचा रखे हैं।

By Babli KumariEdited By: Updated: Sat, 16 Jul 2022 03:04 PM (IST)
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सुपरमार्केट में किराने का सामान खरीदने के लिए लाइन में खड़े लोग (फोटो क्रेडिट: श्रीलंका)

कोलंबो, एजेंसी। श्रीलंका में राजनीतिक और आर्थिक संकट के कारण कोलंबो के सुपरमार्केट में भोजन और अन्य आवश्यक वस्तुएं तेजी से खत्म हो रही हैं। संकटग्रस्त श्रीलंका में लोग- रसोई गैस, मिट्टी के तेल, गैसोलीन, चीनी, दूध पाउडर और दवाओं जैसी आवश्यक चीजों के लिए दिनों से कतार में खड़े हैं। संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों के अनुसार, लगभग 2.3 मिलियन बच्चों सहित 5.7 मिलियन श्रीलंकाई लोगों को अब तत्काल मानवीय सहायता की आवश्यकता है।

चाइना सेंट्रल टेलीविजन (सीसीटी) के अनुसार, कोलंबो में सुपरमार्केट में कई अलमारियां आधी खाली हैं। कई दैनिक आवश्यक चीजें, विशेष रूप से अंडे और ब्रेड, की आपूर्ति कम हो रही हैं क्योंकि परिवहन लागत तेजी से बढ़ी है।

ईंधन की कीमतों में वृद्धि के कारण खाद्य कीमतों में हुई वृद्धि

स्थानीय निवासी नुवान ने सीसीटी को बताया कि इस साल भोजन की कीमतें बहुत अधिक रही हैं। जनवरी, फरवरी और मार्च में कीमतें और भी अधिक थीं। उसके बाद, कीमतों में भारी वृद्धि हुई और सामान्य खाद्य कीमतों में बढ़ोत्तरी देखी गयी। ईंधन की कीमतों में वृद्धि के कारण खाद्य कीमतों में वृद्धि हुई। उसके बाद, परिवहन की कीमतें आसमान छू गईं।

वाहन चालकों का कारोबार हुआ ठप्प

भोजन की कमी के अलावा ईंधन की गंभीर कमी से परिवहन उद्योग विशेष रूप से बुरी तरह प्रभावित हुआ है। टुक टुक चालक जीवन आराजजी ने कहा- मैंने अपने वाहन से कोई कारोबार नहीं किया है। क्योंकि जीरो फ्यूल टोकन है। पिछले दो महीने, यानी 60 दिन, हमें केवल 10 से 12 लीटर तेल ही मिल पाया है। दस से 12 लीटर केवल मेरे व्यक्तिगत उपयोग को ही पूरा करता है।। मैं अपना व्यवसाय कैसे कर सकता हूँ? यह पूरी तरह से शून्य है।'

संयुक्त राष्ट्र ने सत्ता के शांतिपूर्ण हस्तांतरण का किया आग्रह

श्रीलंका में संयुक्त राष्ट्र की ओर से शुक्रवार को जारी एक बयान में, संयुक्त राष्ट्र के रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर हाना सिंगर ने सभी हितधारकों से सत्ता के शांतिपूर्ण हस्तांतरण को सुनिश्चित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि सत्ता परिवर्तन के दौरान संसद के भीतर और बाहर व्यापक और समावेशी विचार-विमर्श होना चाहिए।