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Prince Harry: प्रिंस हैरी ने 25 आतंकियों को मारने का किया दावा, तालिबान बोला- वे भी इंसान थे

Prince Harry ब्रिटेन के प्रिंस हैरी की बायोग्राफी द स्पेयर इन दिनों चर्चा में है। हैरी ने दावा किया है कि अफगानिस्तान में तैनाती के दौरान उन्होंने 25 आतंकियों को मारा था। तालिबान इस खुलासे से बौखला गया है। (फाइल फोटो)

By AgencyEdited By: Manish NegiUpdated: Sat, 07 Jan 2023 11:04 AM (IST)
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Prince Harry: प्रिंस हैरी ने 25 आतंकियों को मारने का किया दावा

काबुल (अफगानिस्तान), एएनआई। ब्रिटेन के प्रिंस हैरी की बायोग्राफी 'द स्पेयर' ने इन दिनों पूरी दुनिया में हड़कंप मचा कर रख दिया है। इसमें प्रिंस ने कई चीजों के अलावा यह भी दावा किया कि उन्होंने अफगानिस्तान में सैन्य तैनाती के दौरान बतौर सैनिक तालिबान के कम से कम 25 आतंकियों को मार गिराया था। अब तालिबान ने उनके इस दावे की खुले तौर पर आलोचना की है।

शतरंज के मोहरे नहीं थे जिन्हें हैरी ने मारा

तालिबान के अंतरिम प्रशासन ने हैरी के कार्यों को 'युद्ध अपराध' बताया और उनके बयानों की कड़ी निंदा की। तालिबान नेता अनस हक्कानी ने ट्विटर पर लिखा कि हैरी ने जिन्हें मारा, वे शतरंज के मोहरे नहीं थे, वह इंसान थे। उनके परिवार थे जो उनकी वापसी की प्रतीक्षा कर रहे थे। अफगानों के हत्यारों में से बहुतों में इस तरह की विवेक प्रकट करने शालीनता नहीं है। नेता ने आगे कहा कि प्रिंस अपने युद्ध अपराधों को स्वीकार करें।

अफगानिस्तान में मानवीय संकट

दूसरी ओर, हक्कानी के बयान ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मीडिया से कई प्रतिक्रियाएं प्राप्त कीं, जिन्हें विरोधी बयानों के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि अफगानिस्तान में तालिबान के अत्याचारी शासन ने देश में एक गंभीर मानवीय संकट पैदा कर दिया है। तालिबान ने पिछले महीने अफगानिस्तान में सभी छात्राओं के लिए विश्वविद्यालय शिक्षा पर भी पाबंदी लगा दी थी, जिसकी दुनिया भर में निंदा हो रही है।

2021 से अफगानिस्तान पर कब्जा

जब से तालिबान ने 15 अगस्त, 2021 को अफगानिस्तान पर कब्जा किया है, तब से अंतरराष्ट्रीय समुदाय युद्धग्रस्त देश में लोगों की स्थिति पर चिंता जता रहा है। वह तालिबान द्वारा देश में बुनियादी मानवाधिकारों का सम्मान करने का आह्वान कर रहा है।

आतंकी गतिविधि बढ़ी

युद्धग्रस्त देश में विस्फोट और आतंकवादी गतिविधियां भी नियमित हो गई हैं, जिससे लोग पीड़ित हैं। सहायता के बावजूद, अफगानिस्तान की गरीबी, कुपोषण और बेरोजगारी की दर अभी भी देश में अपने चरम पर है। प्राकृतिक आपदाओं ने अफगानों के लिए स्थिति को और भी बदतर बना दिया है। यहां के लोग इतिहास के सबसे बड़े मानवीय संकटों में से एक का सामना कर रहे हैं।

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