Israel-Hamas War: इजरायली बंधकों की रिहाई के लिए वार्ता शुरू, पर नेतन्याहू ने गाजा विजय का दोहराया संकल्प
हमास के कब्जे वाले बंधकों को रिहा कराने के लिए कतर की मध्यस्थता वाली वार्ता एक बार फिर शुरू हो गई है। इजरायल ने वार्ता शुरू होने की पुष्टि की है। वार्ता का ताजा दौर शुरू होने के बाद हमास ने कहा कि हमारी पहली शर्त गाजा में आमजनों पर इजरायल के हमले रोकने की है। मध्यस्थों को इस बारे में बता दिया गया है।
By AgencyEdited By: Anurag GuptaUpdated: Sun, 17 Dec 2023 10:58 PM (IST)
रायटर, यरुशलम। हमास के कब्जे वाले बंधकों को रिहा कराने के लिए कतर की मध्यस्थता वाली वार्ता एक बार फिर शुरू हो गई है। इजरायल ने वार्ता शुरू होने की पुष्टि की है। इसी के साथ इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने विजय होने तक गाजा में युद्ध जारी रखने का संकल्प दोहराया। उन्होंने कहा कि विजय के बाद गाजा से इजरायली सेना हट जाएगी, लेकिन वहां की सुरक्षा व्यवस्था इजरायल के नियंत्रण में रहेगी।
इजरायल में बंधकों की रिहाई के लिए बढ़ रहे जन दबाव और शुक्रवार को गाजा में इजरायली सैनिकों की गोलीबारी में तीन बंधकों की मौत के बाद सरकार पर बंधक रिहाई के लिए प्रयास करने का दबाव बढ़ गया था। इसी के बाद कतर के प्रधानमंत्री मुहम्मद बिन अब्दुल रहमान अल थानी से इजरायली खुफिया संगठन मोसाद के निदेशक डेविड बर्निया ने मुलाकात की।इस बार इजरायल की पहल पर वार्ता हो रही है, जबकि नवंबर के युद्धविराम से पहले हमास और मध्यस्थ के रूप में कतर व मिस्त्र ने पहल की थी। वार्ता का ताजा दौर शुरू होने के बाद हमास ने कहा,
हमारी पहली शर्त गाजा में आमजनों पर इजरायल के हमले रोकने की है। मध्यस्थों को इस बारे में बता दिया गया है।
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हमास के कब्जे में कितने इजरायली बंधक?
विदित हो कि हमास के कब्जे में अभी भी लगभग 130 इजरायली बंधक हैं। बंधकों की रिहाई और युद्धविराम के लिए वार्ता के बीच गाजा में इजरायली सेना व हमास के बीच लड़ाई जारी है। इस लड़ाई में अभी तक 19,000 से ज्यादा फलस्तीनी मारे जा चुके हैं, जबकि इजरायल के 121 सैनिक मरे हैं।सात अक्टूबर से जारी लड़ाई में 23 लाख की आबादी वाली गाजा पट्टी में 85 प्रतिशत लोगों को बेघर होना पड़ा है। घर नष्ट होने और जान बचाने के लिए लगभग 20 लाख लोग अस्थायी आवासों में रहने के लिए मजबूर हैं। गाजा में ठंडक की शुरुआत हो चुकी है और ऐसे में लाखों लोगों को खाना और पानी की दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन गाजा की स्वास्थ्य सुविधाओं की दुर्दशा पर कई बार चिंता जता चुका है, लेकिन उससे स्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ है। गाजा में राहत सामग्री और दवाओं का पहुंचना अभी भी मुश्किल बना हुआ है।यह भी पढ़ें: नेतन्याहू ने बंधकों को वापस पाने के लिए नई बातचीत के दिए संकेत, जंग को बताया अस्तित्व की लड़ाई