Turkiye: भूकंप के 260 घंटे बाद 14 वर्षीय उस्मान की बची जान! बचावकर्मियों ने और 2 लोगों का किया रेस्क्यू
तुर्किये और सीरिया में विनाशकारी भूकंप से मरने वालों की संख्या 41000 हजार के पार पहुंच गई है। फिलहाल राहत एवं बचाव कार्य जारी है। बचावकर्मी मलबे के ढेर में जिंदगियों की तलाश में जुटे हुए हैं। (फोटो एपी)
अंकारा, एएनआई। जाको राखे साइयां, मार सके ना कोय... यह कहावत आप लोगों ने कई बार सुनी होनी, लेकिन इसका जीता जागता उदाहरण तुर्किये में देखने को मिला है। विगत 6 फरवरी को तुर्किये और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप के 11 दिन बाद 14 वर्षीय उस्मान को सुरक्षित बचाया गया।
तुर्किये के स्वास्थ्य मंत्री फहार्टिन कोका ने ट्वीट कर उस्मान के बारे में जानकारी दी। बता दें कि भूकंप के 260 घंटे बाद बचाए गए उस्मान को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि 14 वर्षीय उस्मान 260 घंटे बाद फिर से हमारे साथ है। वर्तमान में उनका हटे मुस्तफा केमल विश्वविद्यालय अस्पताल में इलाज चल रहा है। मैं बच्चे के साथ मौजूद हूं। स्वास्थ्य मंत्री ने उस्मान की तस्वीर भी साझा की।
14 yaşındaki Osman 260’ıncı saatte, yoğun çabaların sonucunda tekrar aramızda. Şu an Hatay Mustafa Kemal Üniversitesi Hastanesinde ilk tıbbi müdahalesi gerçekleştiriliyor. Hepimiz adına yavrumuzun yanındayım. pic.twitter.com/4S5aXp6lMc
जिंदगियों की तलाश में जुटे हैं बचावकर्मी
रिपोर्ट के मुताबिक, तुर्किये के हाटे प्रांत में गुरुवार की रात को बचावकर्मियों ने दो लोगों को मलबे से बाहर निकाला। दरअसल, खोज एवं बचाव दल ने अंटाक्या में मलबे के नीचे 26 वर्षीय मेहमत अली और 34 वर्षीय मुस्तफा अवसी को दबा हुआ पाया। इन दोनों की सांस चल रही थी। ऐसे में बचावकर्मियों ने तत्काल प्रभाव से दोनों को मलबे से रेस्क्यू किया।
स्वास्थ्य मंत्री ने एक अन्य ट्वीट में बताया कि भाई मेहमत अली हमारे दूसरे नागरिक हैं, जिन्हें 261 घंटे बाद मलबे से रेस्क्यू किया गया। उनका फील्ड अस्पताल में प्राथमिक उपचार किया गया और फिर उन्हें मुस्तफा केमल विश्वविद्यालय अस्पताल में शिफ्ट किया गया, जहां पर उसका इलाज चल रहा है।
41,000 के पार पहुंचा मौत का आंकड़ा
तुर्किये और सीरिया में विनाशकारी भूकंप से मरने वालों की संख्या 41,000 हजार के पार पहुंच गई है। फिलहाल राहत एवं बचाव कार्य जारी है। बचावकर्मी मलबे के ढेर में जिंदगियों की तलाश में जुटे हुए हैं।