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Turkeiye Earthquake: मलबे में दबे लोगों के जीवित होने की उम्मीद कम, भूकंप पीड़ितों की सहायता करेगा यूएन

तुर्किये में बचाव कर्मियों ने सोमवार को इमारतों के मलबे से कई लोगों को जीवित निकाला। अब धीरे-धीरे मलबे में दबे लोगों के जीवित बचे होने की उम्मीद कम होती जा रही है। तुर्किये और सीरिया में आए भूकंप से मरने वालों की संख्या 37000 से अधिक हो गई है।

By AgencyEdited By: Sonu GuptaUpdated: Mon, 13 Feb 2023 09:42 PM (IST)
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मलबे में दबे लोगों के जीवित होने की उम्मीद कम, बचे लोगों की सहायता करेगा यूएन। फोटो- एपी।

अंकारा, रायटर। तुर्किये में बचाव कर्मियों ने सोमवार को इमारतों के मलबे से कई लोगों को जीवित निकाला। हालांकि अब धीरे-धीरे मलबे में दबे लोगों के जीवित बचे होने की उम्मीद कम होती जा रही है। इतिहास के इस विनाशकारी भूकंप को आए हुए सात दिन बीत चुके हैं, ऐसे में अब यह उम्मीद कम है कि मलबे के नीचे कोई जीवित व्यक्ति मिल सकता है। तुर्किये और सीरिया में पिछले सोमवार को आए 7.8 तीव्रता के भूकंप से मरने वालों की संख्या 37,000 से ऊपर हो गई है और इस संख्या के इससे भी ऊपर जाने की आशंका है। तुर्किये में इससे पहले साल 1939 में ऐसा घातक भूकंप आया था। तब 31,643 लोग मारे गए हैं और 160,000 लोगों को भूकंप क्षेत्र से विस्थापित होना पड़ा था।

कई लोगों को किया गया रेस्क्यू

तुर्किये के अडियामन शहर में भूकंप के 178 घंटे बाद एक लड़की को मलबे से जीवित निकाला गया। इसी शहर में 35 वर्षीय महिला को भी बचाया गया। अंटाक्या में महिला और दो बच्चों को बचाए जाने की खबर है। वहीं दक्षिणी गजियांटेप प्रांत में एक महिला को मलबे से निकाला गया। इसी तरह कहमनमारस में बचावकर्मियों ने तीन मंजिला इमारत के एक कमरे में फंसी दादी, मां और बच्ची से संपर्क हुआ। इस बीच संयुक्त राष्ट्र का मानना है कि अब बचाव कार्यों के बजाय भूकंप प्रभावित लोगों की सहायता पर ध्यान देने की जरूरत है। यूएन अब भूकंप पीड़ितों को आवास, भोजन और स्कूली शिक्षा प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करेगा।

सीरिया में गृहयुद्ध झेल रहे लोगों पर दोहरी मार

सीरिया में भूकंप से सर्वाधिक क्षति विद्रोहियों के कब्जे वाले उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में हुई है। गृहयुद्ध झेल रहे लोगों पर दोहरी मार पड़ी है। सरकार के कब्जे वाले क्षेत्रों की तुलना में इस क्षेत्र को बहुत कम सहायता मिली है। संयुक्त राष्ट्र के एक प्रवक्ता ने बताया कि इस्लामी समूह हयात तहरीर अल-शाम द्वारा रोड़े अटकाए जाने के कारण कट्टरपंथी विपक्षी समूहों द्वारा नियंत्रित क्षेत्रों में राहत पहुंचाने में दिक्कतें आ रही हैं। समूह का कहना है कि वह सरकार के कब्जे वाले क्षेत्रों से सहायता सामग्री नहीं आने देंगे।

तुर्किये में लूटपाट, लोगों ने खाली की दुकानें

तुर्किये के कई शहरों में कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ रही है। खाली घरों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में लूटपाट की घटनाएं सामने आ रही हैं। कुछ व्यवसायियों ने अपनी दुकानें खाली कर दी हैं ताकि वे लूटपाट से बच सकें। तुर्किये के राष्ट्रपति एर्दोगन ने कहा है कि सरकार लुटेरों से सख्ती से निपटेगी। भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में अब गंदगी और बीमारियां फैलने की चिताएं उभर रही हैं। तुर्किये में इस समय लगभग 80,000 लोग अस्पतालों में हैं और 10 लाख लोग अस्थायी आवासों में हैं। ऐसे में स्वच्छता और सब के लिए भोजन-पानी की व्यवस्था करना एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।

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