Move to Jagran APP

ISIS पोस्टर गर्ल से जिहादी दुल्हन बनीं युवतियां चाहती हैं बच्चों की सलामती, जानें- पूरी कहानी

जिहादी दुल्हनें वतन वापसी तो कर रही हैं लेकिन क्या ISIS के प्रति उनकी आस्था में कोई बदलाव आया है? उनके साक्षात्कारों से इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। जानें- यूरोपीय देशों का रुख।

By Amit SinghEdited By: Updated: Sat, 23 Feb 2019 01:05 AM (IST)
ISIS पोस्टर गर्ल से जिहादी दुल्हन बनीं युवतियां चाहती हैं बच्चों की सलामती, जानें- पूरी कहानी
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। लंबे समय तक लगभग पूरी दुनिया के लिए आतंक और दहशत का पर्याय बने रहे आइएसआइएस (ISIS) का दायरा सिमटता जा रहा है। आलम ये है कि आइएसआइएस में शामिल होने वाले बहुत से लोग अब वतन वापसी का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन उन्हें अपने देश में प्रवेश की इजाजत नहीं मिल रही हैं। ISIS से वापसी का प्रयास करने वालों में सबसे ज्यादा तादात महिलाओं की है। जानें- इस सबसे खूंखार आतंकी संगठन को छोड़कर वतन वापसी का प्रयास कर रही महिलाओं की कहानी।

बेटे संग ISIS से लौटी महिला को अमेरिका की ‘ना’
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने 2014 में आतंकी संगठन आइएस में शामिल हुई अमेरिकी नागरिक हुदा मुथाना को स्वदेश वापसी की इजाजत देने से इन्कार कर दिया है। अलबामा की रहने वाली हुदा ने बेटे के साथ अमेरिका लौटने की इजाजत मांगी थी।

माइक पोंपियो ने कहा कि मुथाना 2014 में आतंकी संगठन में शामिल हुई थी। वह अमेरिकन नागरिक भी नहीं है। हुदा के वकील अब ट्रंप प्रशासन के फैसले को चुनौती देने की तैयारी कर रहे हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी एक ट्वीट में कह चुके हैं कि वह हुदा को प्रवेश नहीं देने के फैसले का समर्थन करते हैं।

विदेश मंत्री पोंपियो ने बुधवार को कहा, ‘हुदा मुथाना अमेरिकी नागरिक नहीं है और उसे अमेरिका में दाखिल नहीं होने दिया जाएगा। उसके पास कोई कानूनी आधार, वैध पासपोर्ट और अमेरिका की यात्रा के लिए वीजा नहीं है।’ वहीं हुदा के वकील हसन शिबले की दलील है कि वह अमेरिका में पैदा हुईं थीं और 2014 में आइएस में शामिल होने से पहले उसके पास वैध पासपोर्ट था।

अब हुदा ने आतंकी संगठन छोड़ दिया है और वह 18 महीने के अपने बेटे की देखभाल के लिए कानूनी दिक्कतों की परवाह किए बिना घर वापस लौटना चाहती हैं। हुदा और उसका बेटा इस समय आइएस छोड़कर भागे दो अन्य लोगों के साथ सीरिया के एक शरणार्थी शिविर में रह रहे हैं।

मशहूर जिहादी दुल्हन पर ब्रिटेन समेत तीन देशों की रोक
बांग्लादेश की शमीमा बेगम, जिहादी दुल्हन के नाम से मशहूर हैं। शमीमा ने 15 साल की उम्र में वर्ष 2015 में ISIS ज्वाइन किया था। उस वक्त वह ब्रिटेन के एक स्कूल में पढ़ाई कर रही थी और वहीं से अपनी दो दोस्तों के साथ ISIS में शामिल होने के लिए तुर्की के रास्ते सीरिया भाग गई थी। शनिवार को ही उन्होंने सीरिया के शरणार्थी शिविर में बेटे को जन्म दिया और अब वह अपने नवजात की परवरिश के लिए ब्रिटेन वापस लौटना चाहती हैं। ब्रिटेन, शमीमा की नागरिकता पहले ही खत्म कर चुका है। इसके बाद शमीमा ने बांग्लादेश और नीदरलैंड से शरण की गुहार लगाई थी। अब इन दोनों देशों ने भी उसे शरण देने से इनकार कर दिया है।

बांग्लादेश का कहना है कि शमीमा के पास अब दोहरी नागरिकता नहीं है। लिहाजा, शमीमा का बांग्लादेश से कोई मतलब नहीं है। अब शमीमा की उम्र 19 वर्ष है और उसका एक नवजात पुत्र भी है। शमीमा, फिलहाल सीरिया के एक शरणार्थी शिविर में अपने बेटे के साथ रह रही हैं और उन्होंने तीनों देशों द्वारा शरण ना देने के फैसले को अन्यायपूर्ण बताया है। मालूम हो कि शमीमा जब गर्भवती थीं, तभी शरणार्थी शिविर में आ गई थीं और उसी वक्त से वह ब्रिटेन, बांग्लादेश व नीदरलैंड में शरण लेने का प्रयास कर रही हैं। वह अपने नवजात बच्चे की सुरक्षा को लेकर काफी चिंतित हैं। इसकी वजह भी है, दरअसल सीरिया में शमीमा पहले भी दो बच्चों को जन्म दे चुकी हैं। उनके दोनों नवजात बच्चों की बीमारी और कुपोषण से मौत हो गई थी।

शमीमा ने ISIS के रुख को बताया जायज
शमीमा बेगम ने बीबीसी को दिए एक साक्षात्कार में कहा है कि ‘मैंने ISIS के हिंसक वीडियो देखकर वहां जाने का फैसला नहीं लिया था। वहां केवल हिंसा नहीं है, बल्कि ऐसे वीडियो भी हैं, जहां उन्हें परिवार के साथ पार्क में खुश देखा जा सकता है। वो (ISIS) आपको बेहतर जिंदगी दे सकते हैं।’ आपने ब्रिटेन के दुश्मनों की मदद की है, सवाल के जवाब पर उन्होंने कहा कि ‘ऐसा करने वाली मैं अकेली नहीं हूं। मेरा मकसद न्यूज में आना कभी नहीं था। मैंने सुना है कि मेरे और मेरे दोस्तों के यहां (सीरिया) आने से दूसरों को भी हिम्मत मिली है।’ 2017 में मैनचेस्टर धमाके में 22 लोगों के मारे जाने पर जब उनकी प्रतिक्रिया पूछी गई तो शमीमा ने इस पर अफसोस तो जताया, लेकिन उसकी तुलना सीरिया में लगातार हुए बम हमलों से भी की। शमीमा ने कहा, ‘बेशक मासूमों की हत्या हुई, जो कि गलत है। अपने बचाव के लिए सैनिकों की आपस में लड़ाई करवाना अलग बात है, लेकिन महिलाओं और बच्चों की हत्या गलत है और बघूज में आए दिन यही हो रहा है। IS लड़ाकों के बच्चों को भी मारा जा रहा है, तो बदला तो वो लेंगे ही। मुझे लगता है कि वो अपनी जगह ठीक हैं।’ शमीमा के इस साक्षात्कार से साफ है कि उन्हें आईएसआईएस में शामिल होने का कोई मलाल नहीं है। उन्होंने साक्षात्कार में कहा कि अगर वतन वापसी के बाद उन्हें जेल हो जाती है तो वह चाहती हैं कि उनका परिवार उनके बच्चे की परवरिश करे।

कौन होती हैं जिहादी दुल्हन
जिहादी दुल्हन उन युवतियों या महिलाओं को कहा जाता है, जो ISIS में शामिल होकर संगठन के लड़ाकों से शादी करती हैं और उनके बच्चों को जन्म देती हैं। माना जाता है कि ऐसा करने वाली ज्यादातर महिलाओं का उद्देश्य होता है कि वह बच्चे पैदा कर ISIS लड़ाकों की तादात बढ़ाने में सहयोग करें। कई बार कट्टरपंथी लड़ाकों से शादी करने के बाद ये भी जिहाद की राह पर चलते हुए हिंसा में भी शामिल हो जाती हैं।

ऑस्ट्रेलिया ने भी लगाया प्रतिबंध
गुरुवार को ऑस्ट्रेलिया ने भी ISIS में शामिल होने के लिए ईराक या सीरिया गए अपने नागरिकों की वापसी पर दो साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। ऑस्ट्रेलियाई संसद ने इस संबंध में अपनी संसद में एक बिल भी पेश किया है। ऑस्ट्रेलियाई सरकार के अनुसार उनके 230 नागरिक ईराक या सीरिया में जिहादी संगठन में शामिल होने गए थे। ऑस्ट्रेलिया ने अपने नागरिकों को वापस न लेने की घोषणा उस वक्त की है, जब एक दिन पहले (बुधवार को) ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूरोपीय देशों से आग्रह किया था कि अमेरिकी सेना के सीरिया से वापसी के बाद वहां बंदी बनाए गए 800 आइएसआइएस आतंकियों को संबंधित देश वापस लें और अपने देश में उनके खिलाफ कोर्ट ट्रायल चलाएं। इन बंदियों में ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी समेत कई यूरोपीय देशों के नागरिक हैं। ब्रिटने पहले ही इन बंदियों या आइएसआइएस छोड़कर लौट रहे लोगों को वापस लेने से मना कर चुका है। अन्य यूरोपीय देशों ने भी अमेरिका की अपील पर चुप्पी साध रखी है।

यह भी पढ़ें-
नासा ने अंतरिक्ष से कैद की पृथ्वी की अविश्वसनीय प्राकृतिक सुंदरता, देखें- खूबसूरत तस्वीरें
Indus Water Treaty: पाक को जाने वाले पांच फीसद पानी को रोकने में लगेंगे छह साल
पाकिस्तान भी डरता है भारत के इन पांच ब्रह्मास्त्र से, जानें- इन हथियारों की खासियत
अंतरराष्ट्रीय फैशन डिजाइनर कार्ल की मौत से अरबपति हुई बिल्ली, जानें पूरी कहानी