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फारस की खाड़ी में अमेरिकी युद्धपोत की ईरान के जहाजों पर फायरिंग, तनाव की स्थिति

अमेरिकी नौसेना ने बुधवार को कहा कि जब ईरान की पैरामिलिट्री रिवोल्यूशनरी गार्ड की नौकाएं फारस की खाड़ी(Persian Gulf) में एक गश्त के करीब पहुंचीं तो अमेरिकी युद्धपोत ने चेतावनी के लिए फायरिंग की। दोनों के बीच तनाव की स्थिति।

By Shashank PandeyEdited By: Updated: Wed, 28 Apr 2021 02:44 PM (IST)
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अमेरिकी युद्धपोत की ईरान के जहाजों पर फायरिंग। (फोटो: दैनिक जागरण)
दुबई, एजेंसियां। अमेरिका और ईरान के बीच तनाव की स्थिति कम नहीं हो रही है। फारस की खाड़ी में गश्त कर रहे अमेरिकी युद्धपोत के निकट ईरान के तीन जहाज आ गए। चेतावनी को अनसुना करने पर अमेरिकी युद्धपोत से फायरिंग की गई। अमेरिका की नौसैनिक प्रवक्ता ने बताया कि फारस की खाड़ी में उनका युद्धपोत यूएससीजीसी बारानॉफ गश्त पर था, तभी ईरान के तीन जहाज 62 मीटर की दूरी पर आ गए। ये जहाज ईरान की पैरामिलिट्री रिवोल्यूशनरी गार्ड के थे। अमेरिका ने इनको रोकने के लिए चेतावनी फायर किए।

अमेरिकी नौसेना की प्रवक्ता कमांडर रेबेका ने बताया कि इससे पहले उनके युद्धपोत ने रेडियो व अन्य तरीकों से चेतावनी भी जारी की, लेकिन ईरान के जहाजों ने चेतावनी को अनसुना कर दिया और नजदीक आने लगे। फायरिंग के बाद ईरान के जहाजों ने सुरक्षित दूरी बना ली। प्रवक्ता ने कहा कि ईरान की नौसेना को अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन करना चाहिए और सुरक्षित दूरी बनाकर ही चलना चाहिए। ईरान ने इस मामले में कोई टिप्पणी नहीं की है। यह इस महीने में दूसरा मौका है, जब ईरान और अमेरिका की नौसेना आमने सामने आए हैं।

अमेरिका की आबादी 33 करोड़ के पार

अमेरिका के जनसंख्या ब्यूरो ने 2020 की जनगणना का पहला अधिकृत आंकड़ा जारी कर दिया है। अमेरिका की आबादी अब 33 करोड़ 14 लाख से ज्यादा हो गई है। जनसंख्या बढ़ोत्तरी की दर 7.4 फीसद रही है। जो पिछले दशकों में दूसरी सबसे ज्यादा धीमी गति है। सोमवार को जनगणना के कुछ आंकड़े जारी किए गए। विस्तृत आंकड़े इस साल अंत तक आने की संभावना है। अमेरिका में भी दस साल में एक बार जनगणना की जाती है।

पूरे आंकड़े जारी होने के बाद राज्य विधानसभा और स्वतंत्र कमीशन आबादी के अनुरूप ही राजनीतिक नक्शे तैयार करना शुरू कर देंगे। अमेरिका में आबादी के अनुसार ही तय किया जाता है कि प्रत्येक राज्य में कितनी प्रतिनिधि सभा की सीटें होंगी। संघीय सरकार किसी राज्य को दी जाने वाली सहायता राशि भी इन्हीं आंकड़ों से तय करती है। सरकारी योजनाओं का आधार भी यही आंकड़े होते हैं।