कभी अपने दुश्मन को नहीं छोड़ता इजरायल, जब टूथपेस्ट से मोसाद ने फलस्तीनी कमांडर को मार डाला
1976 में हुए एयर फ्रांस के विमान के अपहरण का बदला इजरायल की खुफिया एजेंसी ने दो साल बाद लिया था। अपहरण के मास्टरमाइंड फलस्तीनी कमांडर को मोसाद ने बेहद ही धीमी मौत दी थी। जांच में डॉक्टर यह तक पता नहीं लगा सके कि कमांडर की मौत किस वजह से हुई थी। यह पूरा ऑपरेशन मोसाद की काबिलियत को दर्शाता है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इजरायल कभी अपने दुश्मन को न माफ करता है और न ही छोड़ता है। इसका जीता जागता उदाहरण 1972 के म्यूनिख ओलंपिक में हुआ आतंकी हमला था। इस आंतकी हमले में इजरायल के 11 खिलाड़ियों की हत्या हुई थी। इजरायल ने सात साल तक ऑपरेशन 'रैथ ऑफ गॉड' चलाया और अपने-दुश्मनों को चुन-चुनकर मारा था। मगर आज बात एक ऐसी हत्या की, जिसे इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने टूथपेस्ट (मंजन) से अंजाम दिया था।
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तीन दशक तक नहीं खुला हत्या का राज
"अगर कोई तुम्हें मारने आए तो उठो और पहले उसे मार डालो।" यह इजरायल की सेना का आदर्श वाक्य है। 1978 में मोसाद के एजेंटों ने फिलिस्तीन कमांडर वादी हदाद की हत्या टूथपेस्ट (मंजन) के सहारे से की थी। तीन दशक तक तो हदाद की हत्या की वजह का खुलासा तक नहीं हुआ।
आरोन जे क्लेन की 'स्ट्राइकिंग बैक' में बताया गया है कि वादी हदाद को जहरीली चॉकलेट से मारा गया था। वहीं रोनन बर्गमैन ने 'राइज एंड किल फर्स्ट' में टूथपेस्ट से हत्या का जिक्र है। वादी हदाद पॉपुलर फ्रंट फॉर द लिबरेशन ऑफ फलस्तीन का सरगना था।
विमान अपहरण का मास्टरमाइंड था हदाद
1976 में एयर फ्रांस के विमान का अपहरण वादी हदाद के निर्देश पर किया गया था। अपहरणकर्ता विमान को लीबिया और इसके बाद युगांडा के एंटेबे हवाई अड्डे लेकर पहुंचे थे। इजरायल ने बंधक अपने नागरिकों को छुड़ाने की खातिर ऑपरेशन थंडरबोल्ट चलाया। यह ऑपरेशन बेहद सफल रहा।
इजरायल ने सभी नागरिकों को सकुशल बचा लिया था। ऑपरेशन का नेतृत्व इजरायल के मौजूदा प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के भाई लेफ्टिनेंट कर्नल योनातन नेतन्याहू ने किया था। ऑपरेशन में योनातन नेतन्याहू को अपनी जान गंवानी पड़ी थी।