Move to Jagran APP

11th Panchen Lama: चीन ने किया था 11वें पंचेन लामा का अपहरण, 27 साल बाद भी नहीं मिला कोई सुराग

यह भी मालूम कर पाना मुश्किल है कि क्या यह परिवार जीवित भी है या नहीं। तिब्बत प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार चीन द्वारा लामा का अपहरण का मामला आज तक दुनिया में जबरन गायब होने के सबसे लंबे समय तक चलने वाले मामलों में से एक है।

By Piyush KumarEdited By: Updated: Sun, 14 Aug 2022 04:17 PM (IST)
Hero Image
11वें पंचेन लामा का लापता हुए 27 साल पूरे हो गए।(फाइल फोटो)

लहासा, एजेंसी। दलाई लामा के बाद तिब्बतियों के दूसरे सबसे बड़े धर्मगुरु 11वें पंचेन लामा का लापता हुए 27 साल पूरे हो गए। समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक, महज 6 साल की आयु में 11वें पंचेन लामा को पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना ने उन्हें और उनके पूरे परिवार को अगवा कर लिया था। इसके बाद अब तक 11वें पंचेन लामा और उनके परिवार का कोई पता नहीं चल सका है। यह भी मालूम कर पाना मुश्किल है कि क्या यह परिवार जीवित भी है या नहीं। तिब्बत प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, चीन द्वारा लामा का अपहरण का मामला आज तक दुनिया में जबरन गायब होने के सबसे लंबे समय तक चलने वाले मामलों में से एक है।

गेदुन चोएक्यी न्यिमा को 11वें पंचेन लामा के रूप में मान्यता दी गई

11वें पंचेन लामा गेदुन छुयाकी नीमा का जन्म 25 अप्रैल 1989 को तिब्बत के लहारी जिले में हुआ था। 14 मई 1995 को धर्मगुरु दलाईलामा ने नीमा को 6 साल की आयु में ही उन्हें 11वें पंचेन लामा के रूप में मनोनीत कर दिया था। इस घोषणा के तीन दिन बाद ही 17 मई 1995 को पंचेन लामा को चीनी सरकार ने परिवार के साथ अगवा कर लिया था। इस समय तिब्बत पर चीन का कब्जा है। 14 मई 1995 को, गेदुन चोएक्यी न्यिमा को परम पावन 14वें दलाई लामा ने 11वें पंचेन लामा के रूप में मान्यता दी। उसके तीन दिन बाद उसका अपहरण कर लिया गया और उसके बाद से उसका कभी पता नहीं चला। तिब्बत में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ताकत के जोर पर खुद ही पंचेन लामा को नियुक्त करने की स्वतंत्रता हासिल कर ली है। साथ ही तिब्बत के लोगों पर चीन के द्वारा चुने गए पंचेन लामा को जबरदस्ती अपनाने के लिए बल का भी इस्तेमाल किया जाता है।

बता दें कि एक तिब्बती प्रतिनिधिमंडल ने कैनेडियन हाउस ऑफ कॉमन्स ऑन फॉरेन अफेयर्स एंड इंटरनेशनल डेवलपमेंट के समक्ष गवाही दी, जहां उन्होंने तिब्बत में चल रहे अधिकारों के हनन पर चिंता जताई। तिब्बती प्रतिनिधिमंडल ने 11वें पंचेन लामा के लापता होने और तिब्बती लोगों से संबंधित अन्य मुद्दों पर गवाही दी है।

तिब्बती भाषा पर हमलों के बारे में जिक्र करते हुए तिब्बती निर्वासित नेता पेन्पा त्सेरिंग ने कहा कि तिब्बती भाषा और धर्म भारत से जुड़ा है। पेन्पा त्सेरिंग ने कहा, 'जब हू जिंताओ ने राष्ट्रपति के रूप में पदभार संभाला तो उन्होंने दोहरी भाषा को बढ़ावा दिया, जोकि ठीक है। आपको अन्य भाषाएँ सीखनी होंगी, लेकिन जब से राष्ट्रपति शी जिनपिंग सत्ता में आए, तो से वह अब एक राष्ट्र, एक भाषा और एक संस्कृति की बात करते हैं। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी हमारी असली पहचान पर वार कर रही है।'

पेन्पा त्सेरिंग हैं तिब्बत प्रशासन के अध्यक्ष

बता दें कि कुछ दिनों पहले केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के सिक्योंग (अध्यक्ष), पेन्पा त्सेरिंग, अमेरिकी राजधानी की अपनी पहली यात्रा पर वाशिंगटन डीसी गए थे। वह 11 अप्रैल, 2021 को सिक्योंग चुने गए थे। वो तिब्बती प्रवासी के लोकतांत्रिक नेता के रूप में कार्यरत हैं। वह 2011 में दलाई लामा के राजनीति से सेवानिवृत्त होने और राजनीतिक सत्ता सौंपने के बाद से चुने गए दूसरे सिक्योंग हैं। 24 से 30 अप्रैल तक अमेरिका की अपनी यात्रा के दौरान पेनपा ने यूएस हाउस की स्पीकर नैन्सी पेलोसी के साथ बातचीत की।