बांग्लादेश में एक माह में हिंदुओं के प्रति हिंसा के 205 मामले दर्ज, रिपोर्ट में सामने आई उत्पीड़न की भयावह तस्वीर
बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता के साथ ही वहां एक महीने से जारी अल्पसंख्यकों विशेषकर हिंदुओं पर लक्षित हमलों की भयावह तस्वीर एक रिपोर्ट में दिखाई गई है। बांग्लादेश के 52 जिलों में करीब एक माह में हिंदुओं पर लक्षित हिंसा के 205 से अधिक मामले सामने आने का दावा किया गया है। सिर्फ पांच दिनों में हुई दिल दहला देने वाली 110 घटनाओं का विस्तृत ब्योरा दिया है।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता के साथ ही वहां एक महीने से जारी अल्पसंख्यकों विशेषकर हिंदुओं पर लक्षित हमलों की भयावह तस्वीर एक रिपोर्ट में दिखाई गई है। साथ ही इस मामले में अंतरराष्ट्रीय समुदाय को गंभीरता से हस्तक्षेप करने तथा भारत सरकार से हर स्तर पर कदम उठाने के साथ पड़ोसी मुल्क से प्रताडि़त अल्पसंख्यक हिंदुओं को सम्मानित तरीके देश में आने देने का अनुरोध किया गया है।
हिंसा की चपेट में जैन, सिख व ईसाई भी
चेताया गया है कि अगर समय रहते स्थिति को नहीं सुधारा गया तो वर्ष 1951 से 2022 के बीच जारी संहार से 22 प्रतिशत से घटकर आठ प्रतिशत पर आई हिंदुओं की जनसंख्या बांग्लादेश में विलुप्त प्राय हो जाएगी। प्रताड़ना व लक्षित हिंसा की चपेट में जैन, सिख व ईसाई समेत अन्य अल्पसंख्यक समुदाय भी हैं।
हिंदुओं पर लक्षित हिंसा के 205 से अधिक मामले
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मानवाधिकार के क्षेत्र में काम करने वाली संस्था सेंटर फार डेमोक्रेसी, प्लुरलिज्म एंड ह्यूमन राइट्स (सीडीपीएचआर) ने बुधवार को 92 पेज की यह विस्तृत रिपोर्ट जारी की। इसमें बांग्लादेश के 52 जिलों में करीब एक माह में हिंदुओं पर लक्षित हिंसा के 205 से अधिक मामले सामने आने का दावा किया गया है।सिर्फ पांच दिनों (पांच से नौ अगस्त तक) में हुई दिल दहला देने वाली 110 घटनाओं का विस्तृत ब्योरा दिया है। इनमें सामूहिक दुष्कर्म, हत्या, संपत्तियों पर कब्जा व लूट, मंदिरों व घरों पर हमले, हिंदू बहुल गांवों के बहिष्कार, डराने व धमकाने जैसे मामलों की जानकारी है। 49 हिंदू अध्यापकों व नौकरीपेशा को जबरन त्यागपत्र को मजबूर किया गया है।
रिपोर्ट को गृह मंत्रालय को सौंपा
सीडीपीएचआर की अध्यक्ष डा. प्रेरणा मल्होत्रा ने कहा कि हिंसा के कई गुना मामले सामने ही नहीं आए हैं। बताया कि इस रिपोर्ट को गृह मंत्रालय को सौंपा जाएगा। इस मौके पर पूर्व सांसद व स्तंभकार स्वपन दासगुप्ता, पत्रकार व लेखक दीप हलदर व अभिजीत मजूमदार ने भारत-पाक बंटवारे व बांग्लादेश बनने के साथ हिंदुओं व अल्पसंख्यकों को खत्म करने को लेकर अभी भी जारी सुनियोजित षड्यंत्र पर विस्तार से प्रकाश डाला।हिंदुओं के लिए एक ही सुरक्षित स्थान भारत
इसमें पश्चिम देशों के मीडिया, अमेरिका व पाकिस्तान की सरकार से इतर अनधिकृत शक्तियों की भूमिका से बांग्लादेश के बढ़ते इस्लामीकरण के प्रमुखता से उभारा गया है। स्वपन दासगुप्ता ने भारत सरकार से अनुरोध किया कि वह पड़ोसी मुल्क के हिंदुओं को सम्मानजनक तरीके से आने का रास्ता दे, क्योंकि पूरे विश्व में रहने वाले हिंदुओं के लिए एक ही सुरक्षित स्थान भारत है।