Move to Jagran APP

Year Ender 2021: अफ्रीका महाद्वीप के कांगो की राजधानी किंसासा में 30 मुस्लिम कट्टरपंथियों को मौत की मिली सजा

अफ्रीका महाद्वीप के कांगो लोकतान्त्रिक गणराज्य की राजधानी किंसासा में ईद के दिन 30 मुस्लिम कट्टरपंथियों को मौत की सजा दी गई थी। बता दें कि मुस्लिम कट्टरपंथियों की भीड़ द्वारा एक पुलिसकर्मी के साथ बुरी तरह मारपीट की गई थी और उन्हें जिंदा जला दिया गया था।

By Ramesh MishraEdited By: Updated: Sun, 26 Dec 2021 07:27 PM (IST)
Hero Image
अफ्रीका महाद्वीप के कांगो की राजधानी किंसासा में 30 मुस्लिम कट्टरपंथियों को मौत की मिली सजा।
किंशासा, जेएनएन। अफ्रीका महाद्वीप के कांगो लोकतान्त्रिक गणराज्य की राजधानी किंसासा में ईद के दिन 30 मुस्लिम कट्टरपंथियों को मौत की सजा दी गई थी। बता दें कि मुस्लिम कट्टरपंथियों की भीड़ द्वारा एक पुलिसकर्मी के साथ बुरी तरह मारपीट की गई थी और उन्हें जिंदा जला दिया गया था। इस संघर्ष में लगभग 46 लोग घायल हुए थे। इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए 30 लोगों को मौत की सजा दी गई।

1- घटना की जानकारी देते हुए किंसासा पुलिस के प्रमुख सिल्वानो कासोंगो ने बताया था कि ईद के दिन सुबह किंसासा के मार्टिस स्टेडियम कांगो मुस्लिम समुदाय के दो विरोधी गुट एकत्र हुए। इन गुटों को साथ में ईद की अरदास करनी थी, लेकिन गुटों के कट्टरपंथी सदस्यों के कारण संघर्ष की स्थिति उत्पन्न हो गई। पुलिस अधिकारियों ने भीड़ को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और चेतावनी देने के लिए हवा में फायरिंग की लेकिन भीड़ ने पत्थर फेंकने शुरू कर दिए और पुलिस के वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया।

2- पुलिस प्रमुख कासोंगो ने यह पुष्टि की थी कि उनका एक पुलिसकर्मी भीड़ के द्वारा आग के हवाले कर दिया गया, जिससे उनकी मौत हो गई थी। इस संघर्ष में एक और व्यक्ति की मौत हुई थी, जबकि 46 अन्य घायल हुए थे। इस घटना के एक दिन बाद ही मामला दर्ज कर ट्रायल शुरू कर दिया गया था।

3- इस पर निर्णय लेते हुए 30 लोगों को मौत की सजा सुनाई गई थी। सिविल पार्टी की ओर से वकील शिपाम्बा ने AFP न्यूज एजेंसी को बताया था कि घटना के अगले ही दिन ट्रायल शुरू हो गया था, जिसके बाद 30 लोगों को मृत्यु दंड दिया गया। कांगो में मुस्लिम जनसंख्या देश की कुल जनसंख्या का 5 फीसद ही है लेकिन यहां मुस्लिम समुदाय दो समूहों में बंटा हुआ है। शेख अब्दाला और शेख जिबोंदो के नेतृत्व वाले दो मुस्लिम गुटों में कांगों में मुस्लिम समाज का नेतृत्व करने के लिए संघर्ष होता रहता है।