4th Quad Meeting: एस जयशंकर ने मांगा सस्ती कोरोना रोधी वैक्सीन की निर्बाध आपूर्ति पर समर्थन, कहा- हर कोने में तक हो पहुंच
क्वाड की चौथी बैठक में हिस्सा लेने के लिए भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर आस्ट्रेलिया गए हैं। ये बैठक मुख्यता चीन को लेकर हो रही है। इस बैठक से पहले ही चीन ने क्वाड को लेकर काफी कुछ कहा है।
By Kamal VermaEdited By: Updated: Fri, 11 Feb 2022 02:06 PM (IST)
मेलबर्न (रायटर्स)। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर क्वाड की बैठक में हिस्सा लेने आस्ट्रेलिया पहुंचे हुए हैं। इस दौरान उनकी आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्काट मारिसन, आस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री मेरिस पायने, जापान के विदेश मंत्री योशिमाशा हयाशी और अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से मुलाकात होगी। क्वाड की चौथी बैठक से पहले सभी का एक फोटो सेशन भी हुआ है।
एस जयशंकर ने इस दौरान हुई बैठक में कहा कि सितंबर में आस्ट्रेलिया के पीएम और भारत के पीएम नरेन्द्र मोदी ने एक क्वाड को लेकर अपना एक विजन साझा किया था। उन्होंने अन्य सदस्यों को इस बात के प्रति आश्वस्त किया कि हम सभी सदस्य उस पर काम कर रहे हैं। उन्होंने ये भी कहा कि वो इस बात की उम्मीद रखते हैं कि आज हो रही बैठक में विकल्पों पर ध्यान दिया जाएगा कि हम इसमें कहां तक आगे बढ़े हैं।
इस बैठक में जयशंकर ने कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए सस्ती वैक्सीन की निर्बाध आपूर्ति कराने और इसकी उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिए समर्थन देने की भी बात कही। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वैक्सीन हर कोने में हर व्यक्ति को उपलब्ध करवाई जा सके। हमने बहुत प्रगति की है ऐसा इसलिए संभव हो सका क्योंकि हम सभी ने इसके लिए बहुत समय, ऊर्जा पर ध्यान दिया है। हमारी टीम ने कई ठोस प्रस्तावों पर काम किया। हम सभी के बीच मजबूत द्विपक्षीय संबंध हैं। इसलिए ये संभव हो सका है।
इस बैठक से दो दिन पहले ही चीन ने इसको लेकर सहयोगी देशों को जमकर कोसा है। चीन का आरोप है कि इसके सहयोगी देश क्षेत्रीय देशों के बीच खाई बनाना चाहते हैं। चीन की तरफ से यहां तक कहा गया है कि ये गठबंधन दरअसल उसके पड़ोसी देशों के बीच टकराव पैदा करने के लिए बनाया गया है। अमेरिका को आड़े हाथों लेते हुए चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता का कहना था कि वो लोकतांत्रिक मूल्यों के नाम पर एक रेखा खींच कर उनके खिलाफ छोटे-छोटे दल या गठबंधन बना रहे हैं।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने बेहद स्पष्ट शब्दों में कहा कि वो इस तरह के किसी भी गठबंधन के खिलाफ है। उन्होंने ये भी कहा कि शीत युद्ध की मानसिकता को त्यागना ही बेहतर है। साथ ही अमेरिका को ऐसी कोशिशें नहीं करनी चाहिए जिससे उनके पड़ोसी देशों के बीच किसी भी तरह की दरार बने और तनाव का कारण बने। चीन का कहना है कि अमेरिका को शांति और स्थिरता के लिए काम करना चाहिए।