म्यांमार के सुदूर सीमा क्षेत्र में सेना और विरोधी बलों के बीच संघर्ष में मारे गए 61 नागरिक
पिछले वर्ष एक फरवरी को लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित नेशनल लीग फार डेमोक्रेसी (एनएलडी) सरकार को सेना द्वारा अपदस्थ किए जाने के बाद दिसंबर में 10वां संघर्ष हुआ। इसमें कम से कम 61 लोग मारे गए और 40000 लोग पलायन कर गए।
By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Updated: Sun, 02 Jan 2022 10:30 PM (IST)
नेपीता, एएनआइ। म्यांमार के सुदूरवर्ती चार सीमा क्षेत्रों में सेना और विरोधी बलों के बीच संघर्ष में दिसंबर में पांच दर्जन से ज्यादा नागरिक मारे गए और हजारों विस्थापित हुए। पिछले वर्ष एक फरवरी को लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित नेशनल लीग फार डेमोक्रेसी (एनएलडी) सरकार को सेना द्वारा अपदस्थ किए जाने के बाद दिसंबर में 10वां संघर्ष हुआ। इसमें कम से कम 61 लोग मारे गए और 40,000 लोग पलायन कर गए। कायाह और कायिन प्रातों के साथ ही सागैंग और माग्वाय क्षेत्रों में संघर्ष हुए।
सैनिक शासन का कहना है कि नवंबर 2020 में देश में हुए चुनाव में धांधली से एनएलडी जीतने में कामयाब हुई थी, लेकिन सेना ने अपने दावे के समर्थन में अभी तक कोई सुबूत पेश नहीं किया है। इसकी जगह सेना नागरिक शासन बहाल करने की मांग को लेकर राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन को कुचलने के लिए हिंसा पर उतारू है।बैंकाक स्थित राजनीतिक बंदियों के लिए सहायता संघ के मुताबिक, 11 महीने के दौरान 1,382 लोग मारे गए हैं और 8,331 को गिरफ्तार किया जा चुका है।
आंग सान सू की को सुनाई गई चार साल जेल की सजाबता दें कि म्यांमार में एक फरवरी के तख्तापलट में सेना द्वारा सत्ता पर कब्जा करने के बाद आंग सान सू की को सेना ने हिरासत में ले लिया था। राजनीतिक कैदियों के लिए सहायता संघ के निगरानी समूह के अनुसार यह बताया गया कि तख्तापलट के बाद जब लोगों में इसके इसके खिलाफ आवाज उठाई तो असंतोष पर कार्रवाई में हजारों की संख्या में लोग मारे गए और गिरफ्तार किए गए हैं। वहीं, अभी हाल ही में सू की को छह दिसंबर को उकसाने और कोविड-19 प्रतिबंध तोड़ने के लिए चार साल जेल की सजा सुनाई गई है।