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नीदरलैंड: बलूचिस्तान में फर्जी मुठभेड़ों का विरोध, बलूच कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन

बलूचिस्तान में जबरन गायब हुए लोगों की फर्जी मुठभेड़ों के विरोध में बलूच नेशनल मूवमेंट नीदरलैंड चैप्टर ने पाकिस्तानी सुरक्षा बलों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। ये प्रदर्शन हेग में इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस के सामने आयोजित किया गया था।

By Versha SinghEdited By: Updated: Tue, 02 Aug 2022 10:51 AM (IST)
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बलूचियों की हत्याओं के विरोध में कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन
द हेग, एजेंसी: बलूच नेशनल मूवमेंट, नीदरलैंड चैप्टर ने पाकिस्तानी सुरक्षा बलों द्वारा बलूचिस्तान में जबरन गायब हुए लोगों की फर्जी मुठभेड़ों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया। बता दें कि हेग में इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस के सामने विरोध प्रदर्शन किया गया।

प्रदर्शन के दौरान, प्रदर्शनकारियों ने बलूचिस्तान में बलूच लापता व्यक्तियों की "हत्याओं" का विवरण देते हुए एक पुस्तिका भी वितरित की।

बलूच नेशनल मूवमेंट (बीएनएम) द्वारा चल रहे अंतर्राष्ट्रीय जागरूकता अभियान ने बलूचिस्तान में पाकिस्तानी राज्य द्वारा "नरसंहार" और "अत्याचार" पर लोगों का ध्यान केंद्रित किया।

जियारत बलूचिस्तान में एक फर्जी मुठभेड़ में पाकिस्तानी सुरक्षा बलों द्वारा अपहरण किए गए बलूच लोगों की हत्या के जवाब में विरोध प्रदर्शन किया गया था।

मुठभेड़ का आयोजन 15 जुलाई को बलूचिस्तान में किया गया था, जहां पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने नौ बलूच लोगों को मार गिराया था। बलूच नेशनल मूवमेंट द्वारा जारी बयान के अनुसार, मारे गए लोगों में से सात की पहचान पहले से ही गायब होने वाले लोगों के रूप में की गई थी, जिन्हें पाकिस्तानी कानून प्रवर्तन बलों ने अगवा कर लिया था।

लापता व्यक्तियों के बारे में अधिक जानकारी देते हुए, बयान में आगे कहा गया है कि शम्स सतकजई, सलीम और शहजाद का अपहरण कर लिया गया था, जबकि जुम्मा खान और डा. मुख्तार अहमद को क्रमशः मार्च 2022 और 11 जून को पाकिस्तानी सुरक्षा बलों द्वारा जबरन गायब कर दिया गया था और उनके छठे शिकार  शाह बख्श मणि थे।

बयान में कहा गया है कि, ज़ियारत में मारे गए लोगों के परिवारों ने मानवाधिकार संगठनों को अपने प्रियजनों के जबरन गायब होने के मामलों की सूचना दी थी और वे बलूचिस्तान की सड़कों पर अपनी सुरक्षित वापसी की मांग करते रह और साथ ही अक्सर सोशल मीडिया अभियान भी चलाते रहे।

पिछले साल, अगस्त में, काउंटर-टेररिज्म डिपार्टमेंट (CTD) ने बताया कि तीन अलग-अलग घटनाओं में 23 लोग मारे गए थे, जिसमें से सात को ऐसे व्यक्तियों के रूप में भी पहचाना गया था जिनका सुरक्षा बलों द्वारा पहले अपहरण कर लिया गया था।

बयान में आगे कहा गया है कि पाकिस्तानी सैन्य कर्मियों ने 2019 में खान मुहम्मद के साथ-साथ मार्च 2021 में जमील, 2020 में शोएब, 20 अक्टूबर 2017 को गनी बलूच, 24 अप्रैल, 2018 को सद्दाम इस्माइल, 2018 में साजिद और अब्दुल अहद का अपहरण जनवरी 2021 में कर लिया गया था।

गौरतलब है कि, गनी बलूच और सद्दाम इस्माइल दोनों विशेष रूप से बलूच राष्ट्रीय आंदोलन से संबंधित हैं।

बयान में कहा गया कि, 24 अप्रैल, 2018 को कोच निवासी इस्माइल के बेटे सद्दाम का कराची के काफिर जिले से पाकिस्तानी बलों ने अपहरण कर लिया था।

बलूचिस्तान की मानवाधिकार परिषद की एक वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, छात्र बलूचिस्तान के साथ-साथ पाकिस्तान के अन्य प्रांतों में भी इन अपहरणों का मुख्य लक्ष्य बन रहे हैं।