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तालिबानी आदेश के कारण असुरक्षित महसूस करती हैं अफगान महिलाएं, घर से निकलने में भी लगता है डर

अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज तालिबान के आदेशों के कारण अफगान महिलाएं घर से बाहर निकलने में डरती हैं या स्वयं को असुरक्षित महसूस करती हैं। ज्यादा उदार शासन का वादा करने वाले तालिबान ने अनगिनत प्रतिबंध लगा दिए हैं। सार्वजनिक जीवन के अधिकांश क्षेत्रों में महिलाएं प्रतिबंधित हैं। लड़कियां छठी कक्षा से आगे की पढ़ाई नहीं कर सकतीं। महिलाएं नौकरियों और रोजगार से वंचित कर दी गईं।

By Agency Edited By: Anurag GuptaUpdated: Sat, 17 Feb 2024 10:12 PM (IST)
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अफगान महिलाओं पर अनगिनत प्रतिबंध (फाइल फोटो)
एपी, इस्लामाबाद। अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज तालिबान के आदेशों के कारण अफगान महिलाएं घर से बाहर निकलने में डरती हैं या स्वयं को असुरक्षित महसूस करती हैं। कतर की राजधानी दोहा में बैठक से पहले अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र मिशन की ओर से जारी एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है।

संयुक्त राष्ट्र द्वारा बुलाई गई बैठक में सदस्य देशों और अफगानिस्तान में विशेष दूतों के साथ तालिबान से संबंध और मानवाधिकार की स्थिति समेत देश के संकट पर चर्चा की जाएगी। अमेरिका और नाटो द्वारा सेना वापस बुलाए जाने के बाद अगस्त 2021 में अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जा करने वाले तालिबान ने महिलाओं के जीवन पर पहरा लगा दिया।

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अनगिनत प्रतिबंध

ज्यादा उदार शासन का वादा करने वाले तालिबान ने अनगिनत प्रतिबंध लगा दिए हैं। सार्वजनिक जीवन के अधिकांश क्षेत्रों में महिलाएं प्रतिबंधित हैं। लड़कियां छठी कक्षा से आगे की पढ़ाई नहीं कर सकतीं। महिलाएं नौकरियों और रोजगार से वंचित कर दी गईं। शादी नहीं हुई है तो वे बिना पुरुष अभिभावक के यात्रा नहीं कर सकती हैं। तालिबान के हिजाब नियम का पालन नहीं करने पर महिलाएं गिरफ्तार की जा सकती हैं।

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रिपोर्ट में जितनी महिलाओं का साक्षात्कार लिया गया, उनका कहना है कि गिरफ्तारी को लेकर बाहर निकलने में डर अनुभव करती हैं।