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Afghan protests: काबुल की सड़कों पर उतरी अफगान महिलाएं, रोजगार और शिक्षा की मांग को लेकर किया विरोध प्रदर्शन

Afghanistan में महिलाएं अपने हक और आजादी को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रही हैं। काबुल की सड़कों पर उतरकर अफगान महिलाएं एक हाथ में अपने दस्तावेज दिखाकर कह रही है इनका अब कोई काम नहीं क्योंकि हमारी शिक्षा और नौकरी पर तालिबान ने पाबंदी लगा दी है।

By AgencyEdited By: Nidhi AvinashUpdated: Tue, 01 Nov 2022 08:04 AM (IST)
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Afghan protests: काबुल की सड़कों पर उतरी अफगान महिलाएं, रोजगार और शिक्षा की मांग को लेकर किया विरोध प्रदर्शन

काबुल, एएनआइ। Afghan Women Protest: अफगानिस्तान में जब से तालिबान का कब्जा हुआ है तभी से महिलाओं की आजादी पर प्रतिबंध लग चुका है। तालिबान के राज में महिलाओं के मूल अधिकारों पर प्रतिबंध एक वैश्विक चिंता बन गई है।

अफगान महिलाओं ने काबुल में अपने अधिकारों के लिए विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है। टोलो न्यूज के मुताबिक, महिलाएं छठी कक्षा से अधिक लड़कियों की पढ़ाई और नौकरी के लिए काबुल के सड़कों पर निकलकर आजादी की मांग कर रही है।

अफगानिस्तान में लड़कियों की शिक्षा की मांग

महिला प्रदर्शनकारियों ने तालिबान से महिलाओं के लिए काम करने और कक्षा 6 से ऊपर की लड़कियों की शिक्षा की अनुमति देने का आह्वान किया है। गृह मंत्रालय के एक पूर्व कर्मचारी, मारघलारे ने कहा, "हम संयुक्त राष्ट्र और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से हम पर ध्यान देने और महिलाओं को उनके अधिकारों के उल्लंघन से बचाने का आह्वान करते हैं।"

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महिलाओं ने की रोजगार की मांग

अफगानिस्तान में रोजगार की कमी और तालिबान के अत्याचारों का महिलाएं शिकार हो रही है। अफगानिस्तान में शिक्षा सिमित कर दी गई है जिसके कारण महिलाओं को सड़कों पर प्रदर्शन करने पर मजबूर होना पड़ रहा है। महिला प्रदर्शनकारियों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए अपने शैक्षिक दस्तावेज दिखाए और सरकार से नौकरी और शिक्षा की मांग की। टोलो न्यूज से एक प्रदर्शनकारी शोकोर्या ने कहा, "हमारे हाथ में जो दस्तावेज है वो बेकार है क्योंकि हम सभी घर पर हैं और हमारे पास कोई नौकरी नहीं है।"

पिछले साल अगस्त में तालिबान का कब्जा

15 अगस्त 2021 को तालिबान ने अफगानिस्तान पर अपना कब्जा जमाया था। तालिबान के नियंत्रण के बाद उसने सबसे पहले महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों को वापस लेना शुरू कर दिया। तालिबान के सत्ता में आने के पहले सप्ताह से ही महिलाओं ने सड़कों पर विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया था।

ह्यूमन राइट्स वॉच के अनुसार, तालिबान की प्रतिक्रिया शुरूआत से ही क्रूर रही है। प्रदर्शनकारियों को पीटना, विरोध प्रदर्शनों को बाधित करना और प्रदर्शनों को कवर करने वाले पत्रकारों को हिरासत में लेना और उन्हें प्रताड़ित करना है। बता दें कि तालिबान ने अनधिकृत विरोध पर भी प्रतिबंध लगा दिया।

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तालिबान की क्रूरता

गौरतलब है कि काबुल में 16 जनवरी को एक विरोध प्रदर्शन हुआ था जिसमें तालिबान ने क्रूर प्रतिक्रिया दिखाई थी और प्रदर्शनकारियों पर काली मिर्च स्प्रे और बिजली के झटके वाले उपकरणों का उपयोग करने के लिए धमकाया। साथ ही प्रदर्शनकारियों पर हमले भी किए गए थे। पिछले साल अगस्त में अफगान सरकार के पतन और तालिबान की सत्ता में वापसी के बाद से अफगानिस्तान में मानवाधिकारों की स्थिति खराब हो गई है।

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