लैंगिक रंगभेद को लेकर जर्मनी में 10 दिन से प्रदर्शन, मलाला यूसुफजई के पिता ने महिला विरोधी नीतियों की निंदा की
नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई के पिता ने अफगानिस्तान में महिला विरोधी नीतियों और लैंगिक रंगभेद की कड़ी निंदा की है। मलाला के पिता जियाउद्दीन यूसुफजई जो लड़कियों की शिक्षा के लिए अंतर्राष्ट्रीय वकील हैं ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट शेयर करके कोलोन जर्मनी में महिला अधिकार कार्यकर्ताओं द्वारा अभियान के लिए समर्थन की घोषणा की है।
By Jagran NewsEdited By: Abhinav AtreyUpdated: Tue, 12 Sep 2023 10:42 AM (IST)
काबुल, एजेंसी। नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई के पिता ने अफगानिस्तान में महिला विरोधी नीतियों और "लैंगिक रंगभेद" की कड़ी निंदा की है। मलाला के पिता जियाउद्दीन यूसुफजई, जो लड़कियों की शिक्षा के लिए अंतर्राष्ट्रीय वकील हैं ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट शेयर करके कोलोन, जर्मनी में महिला अधिकार कार्यकर्ताओं द्वारा अभियान के लिए समर्थन की घोषणा की है।
उन्होंने कहा, हम दुनिया से अफगानिस्तान को एक ऐसी जगह के रूप में मान्यता देने की मांग करते हैं जहां लैंगिक रंगभेद प्रचलित है। यूसुफजई ने एक्स पर शेयर की गई पोस्ट में अपनी पत्नी के साथ एक फोटो डाली है, जिसमें वे "लिंग रंगभेद खत्म करें" और "अफगान लड़कियों को शिक्षित करें" जैसे हैशटैग के साथ एक तख्ती पकड़े हुए हैं।
10 दिन से कोलोन में भूख हड़ताल जारी
बता दें कि यह अभियान कई महीनों से चल रहा है और इसका मकसद इस मुद्दे पर दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचना है। खामा प्रेस के मुताबिक, लगभग दस दिन पहले, कुछ कार्यकर्ताओं ने जर्मनी के कोलोन में भूख हड़ताल शुरू की थी। हालांकि, भूख हड़ताल में भाग लेने वाली तमन्ना जारयाब पारयानी को हड़ताल के नौवें दिन तबीयत बिगड़ने के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया।Why is the world silent?!#StopGenderApartheid
— Ziauddin Yousafzai (@ZiauddinY) September 11, 2023
-@tamanaparyaniP #12DaysHungerStrike
Cologne, Germany pic.twitter.com/k9NqjpG6Zd
प्रदर्शनकारियों ने अफगान महिलाओं के संघर्ष का दर्शाया
तमन्ना जारयाब इस हड़ताल के चौथे दिन अपनी निराशा जाहिर करते हुए अफगान महिलाओं के संघर्ष और पीड़ा के बावजूद उनके अधिकारों और स्वतंत्रता का समर्थन करने में विश्व समुदाय द्वारा नजरअंदाज किए जाने पर जोर दिया। इसके अलावा, तमन्ना की भूख हड़ताल ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोगों का ध्यान आकर्षित किया है। अफगानिस्तान की एक जेंडर कार्यकर्ता ने जर्मनी में कार्यकर्ताओं के समर्थन में स्वीडन में भूख हड़ताल शुरू कर दी है।
भूख हड़ताल तेज करने के संकेत
खामा प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, इसके अलावा, पाकिस्तान में अफगान महिला शरणार्थियों ने भी हड़ताल करने वालों के प्रति समर्थन दिखाया है और चेतावनी दी है कि अगर वैश्विक समुदाय उनकी मांगों पर ध्यान नहीं देता है, तो दुनिया भर में ज्यादा से ज्यादा लोग भूख हड़ताल में शामिल होंगे।जर्मन के विदेश मंत्रालय ने एक प्रतिनिधि और क्षेत्रीय संसद के एक उपाध्यक्ष के साथ सोमवार को भूख हड़ताल करने वालों से मुलाकात की। इसमें से दो को अस्पताल में भर्ती कराया गया। उन्होंने आगे भूख हड़ताल खत्म करने की मांग की।