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Taliban News: पाकिस्तान स्थित अफगानिस्‍तान दूतावास पर तालिबान का झंडा, तालिबान ने सुरक्षा परिषद को चेताया

पाकिस्तान स्थित अफगानिस्‍तान दूतावास ने आधिकारिक तौर पर तालिबान का झंडा लगाया है। अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद अगस्त 2021 में अफगानिस्तान में तालिबान की हुकूमत है। हालांकि अफगानिस्‍तान में तालिबान के कब्जे के बाद कई देशों ने अफगानिस्तान में अपने-अपने दूतावास को बंद कर दिया था।

By Ramesh MishraEdited By: Updated: Tue, 23 Aug 2022 09:07 PM (IST)
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Taliban News: पाकिस्तान स्थित अफगानिस्‍तान दूतावास ने आधिकारिक तौर पर तालिबान का झंडा। एजेंसी।

काबुल, एजेंसी। पाकिस्तान स्थित अफगानिस्‍तान दूतावास ने आधिकारिक तौर पर तालिबान का झंडा लगाया है। बता दें कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद अगस्त, 2021 में अफगानिस्तान में तालिबान की हुकूमत है। हालांकि, अफगानिस्‍तान में तालिबान के कब्जे के बाद कई देशों ने अफगानिस्तान में अपने-अपने दूतावासों को बंद कर दिया था। अफगानिस्‍तान में तालिबान के कब्‍जे के बाद पाकिस्तान और चीन उसके समर्थक रहे हैं। गौरतलब है कि 14 अप्रैल, 2021 को अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने घोषणा की थी कि अफगानिस्तान में शेष अमेरिकी सैनिकों को 11 सितंबर तक वापस बुला लिया जाएगा। इसके बाद तालिबान ने देश के अधिकांश प्रमुख शहरों पर कब्जा करना शुरू कर दिया था। इस समय अफगानिस्‍तान के अधिकांश हिस्‍सों पर तालिबान का नियंत्रण है। 

अफगानिस्‍तान में तालिबान ने सत्‍ता में आने के बाद यह संकेत दिए थे कि वह पिछले समय की तुलना में अधिक उदार होंगे। हालांकि, तालिबान ने महिलाओं के अधिकारों को कुचलने, प्रेस पर अधिक नियंत्रण लागू करने के जैसे फैसले लिए हैं। इसको लेकर तालिबान की निंदा भी हुई है। तालिबान हुकूमत के बाद अफगानिस्‍तान की आर्थिक स्थिति बेहद नाजुक दौर से गुजर रही है। भारत सहित कई देशों ने अफगानिस्तान को मदद भेजी, तब जाकर देश में हालात थोड़े ठीक होने लगे हैं। अफगानिस्‍तान में तालिबान शासन को अब तक किसी भी देश ने मान्यता नहीं दी है। गौरतलब है कि अगस्त, 2021 में तत्‍कालीन राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश से भाग जाने के बाद तालिबान ने काबुल पर भी कब्जा कर लिया था। पहले से ही कमजोर अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई थी।

उधर, तालिबानी सरकार ने यात्रा प्रतिबंध में छूट के संबंध में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों के बीच असहमति के मद्देनजर संगठन को चेताया है। तालिबान की ओर से कहा गया कि यदि यात्रा प्रतिबंध छूट को बढ़ाने से इनकार कर दिया गया तो यह निर्णय उन्हें उकसाने वाला होगा। गौरतलब है कि अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद से वहां के लोगों के अधिकारों की बातें सामने आ रही हैं। तालिबानी सरकार ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को चेतावनी दी है। एक खास मुद्दे पर तालिबानी अधिकारियों ने चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि सुरक्षा परिषद में निर्णय तालिबान के हक में नहीं लिया गया तो अच्छा नहीं होगा और यह किसी के हित में नहीं माना जाएगा।