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Afghanistan: भूखे बच्चों को सुलाने के लिए अफगानी दे रहे ड्रग्स, तालिबान शासन में बेच रहे अंग और बेटियां

Afghanistanतालिबान शासन में अफगानिस्तान के भूखे नागरिकों की दुर्दशा को लेकर एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है। अफगान अपने भूखे बच्चों को सुलाने के लिए दवाइयां दे रहे हैं जबकि अन्य जीवित रहने के लिए अपनी बेटियों और अंगों को बेच रहे है।

By Nidhi AvinashEdited By: Updated: Sun, 27 Nov 2022 08:12 AM (IST)
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Afghanistan: भूखे बच्चों को सुलाने के लिए अफगानी दे रहे ड्रग्स, तालिबान शासन में बेच रहे अंग और बेटियां
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। Taliban: एक मां खुदा से गुहार लगा रही है कि उसका बच्चा गहरी नींद में सो जाए लेकिन खाना न मांगे। क्योंकि खाने के लिए एक दाना तक नहीं है। एक बच्चें को गहरी नींद में सुलाने के लिए मां न चाहते हुए भी अपने भूखे बच्चें को नींद की दवा देकर सुला रही हैं। ऐसा भयावह मंजर और कहीं नहीं बल्कि अफगानिस्तान में देखने को मिल रहा है। इस देश में जब से तालिबान की सत्ता ने वापसी की है, तब से ही इस देश के हालात बद से बदतर होते जा रहे है।

नर्क जैसे इस देश में गहरे आर्थिक, सामाजिक, मानवीय और मानवाधिकार संकट बढ़ता जा रहा है। एक जगह गरीबी और भुखमरी बढ़ रही हैं तो वहीं महिलाओं पर सख्त पांबदियां लगाई जा रही हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अफगानिस्तान के हालात इतने खराब हो गए है कि घरवालों के पास अपने बच्चों को कुछ खिलाने के लिए रोटी तक नसीब में नहीं है। भूखे बच्चों को नींद की दवा देकर सुलाया जा रहा है ताकि वो खाना न मांगे।

तालिबान के नियंत्रण में आने के बाद देश के हालात

15 अगस्त 2021, का वो काला दिन जब अफगानिस्तान में एक बार फिर से तालिबान की सत्ता काबिज हुई। इस दिन से लोगों और खासकर महिलाओं की जिंदगी उलट-पलट होने लगी। पहले से ही कई संकटों का सामना कर रहा था अफागनिस्तान और ऐसे में ही तालिबानी सत्ता ने इस देश की स्थिति को और ज्यादा बदतर बनाने का काम कर दिया।

संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम (वर्ल्ड फूड प्रोग्राम WFP) के अनुसार, अफगानिस्तान की आधी आबादी खाद्य असुरक्षा का समाना कर रहे हैं। वहीं 95 फीसदी आबादी के पास खाने के लिए पर्याप्त भोजन ही नहीं है। इस देश में पांच से कम आयु के 10 लाख से अधिक बच्चे गंभीर कुपोषण का शिकार हो चुके हैं।

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भूखमरी से जूझ रहा अफगानिस्तान

पहले से ही आर्थिक संकट का सामना कर रहे अफगानिस्तान में तालिबान शासन के आने से अंतर्राष्ट्रीय सहायताएं भी बिल्कुल खत्म हो चुकी हैं। ह्यूमन राइट्स वॉच के एक्सपर्ट के मुताबिक, 15 अगस्त 2021 से ही अफगानियों का जीवन नर्क जैसा हो गया था। ये देश दुनिया के सबसे खराब मानवीय संकटों का सामना कर रहा है। लोग भुख से मर रहे हैं।

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