Afghanistan: तालिबान ने महिला सहायता कर्मियों पर लगाया प्रतिबंध, अमेरिका के लिए खड़ा हुआ बड़ा धर्मसंकट
Taliban Ban on Women महिलाओं के सहायता समूहों में कामकाज को प्रतिबंधित करने वाले तालिबान के आदेश से लाखों अफगानों के जीवन यापन के लिए जरूरी चीजों की आपूर्ति पर संकट खड़ा हुआ। देश भर में मानवीय सेवाओं के लिए लोगों को अब तरसना पड़ रहा।
वाशिंगटन (एपी)। काबुल में उत्पीड़न की शिकार अफगानी महिलाओं के लिए काम करने वाले सहायता समूह आबाद में लगातार डरी हुई और रो रही महिलाओं के फोन आ रहे हैं। संगठन की सेवाएं प्राप्त करने वाली महिलाएं ही नहीं बल्कि संगठन में काम करने वाली महिलाएं भी यहां फोन कर रही हैं। महिलाओं के सहायता समूहों में कामकाज को प्रतिबंधित करने वाले तालिबान के 24 दिसंबर के आदेश से लाखों अफगानों के जीवन यापन के लिए जरूरी चीजों की आपूर्ति पर संकट के बादल छा गए हैं और इससे देशभर में मानवीय सेवाओं के लिए खतरा खड़ा हो गया है। प्रतिबंध का एक अन्य परिणाम यह है कि युद्ध की विभीषिका झेल रहे इस देश में हजारों महिलाएं अपनी आमदनी गंवा चुकी हैं और अपने परिवारों के पालन-पोषण के लिए उन्हें इसकी सख्त जरूरत है।
महिलाओं के प्रति तालिबान का सख्त रवैया
अगस्त 2021 में अमेरिकी सेना द्वारा अफगानिस्तान से निकलने के बाद महिलाओं के कामकाज पर प्रतिबंध अमेरिका और अन्य देशों के लिए एक बड़ी नीतिगत चुनौती बन कर उभरा है। इन देशों के लिए यह मुश्किल प्रश्न है कि तालिबान के प्रति अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किस तरह प्रतिक्रिया दी जाए जिससे एक तरफ सहायता पर निर्भर लाखों अफगानों की संकट बढ़े नहीं और न ही महिलाओं के प्रति तालिबान के सख्त रवैये के आगे घुटने टेके जाएं।
97% आबादी अब गरीबी रेखा के नीचे
संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि महिलाओं को सार्वजनिक जीवन से दूर करने वाले तालिबान के नवीनतम प्रतिबंध से अफगानिस्तान में 85% गैर-सरकारी सहायता संगठन के कामकाज में कमी आई है या उन्होंने काम करना बंद कर दिया है। अफगानिस्तान में 97% आबादी अब गरीबी रेखा के नीचे है या इसके नीचे जाने की आशंका है। कामकाज बंद करने वाले कई प्रमुख वैश्विक सहायता संगठनों ने संयुक्त राष्ट्र की सहायता एजेंसियों से भी कामकाज बंद करने का आग्रह कर रहे हैं। वे बाइडेन प्रशासन से अपने प्रभाव का उपयोग करने का अनुरोध कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय दृढ़ रहे।
अमेरिका सभी कामकाज रोकने पर कर रहा विचार
बाइडन प्रशासन अफगानिस्तान में जीवन रक्षक सहायता के अलावा अन्य सभी कामकाज रोकने पर विचार रहा है। हालांकि ऐसे में यह तय करना मुश्किल है कि जीवन रक्षक सहायता में क्या-क्या शामिल किया जाए। खाद्य सहायता, चिकित्सा सहायता और मातृत्व सेवाएं सहायता जैसी चीजें शामिल करने पर यह सूची लगातार लंबी होती रहती है।
महिलाओं का सार्वजनिक जीवन जीना असंभव
गैर-सरकारी सहायता संगठनों का कहना है कि अफगानिस्तान के रूढ़िवादी समाज और महिला-पुरुष को बिल्कुल अलग रखने के तालिबानी फरमानों के चलते उनके लिए महिला श्रमिकों के बिना महिलाओं और बच्चों तक प्रभावी ढंग से पहुंचना असंभव है। दीगर है कि सत्ता में आने के बाद तालिबान लगातार ऐसे आदेश जारी कर रहा है जिससे महिलाओं का सार्वजनिक जीवन में भाग लेना असंभव हो रहा है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 15 में से 11 सदस्यों ने तालिबान के बारे में अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया पर विचार करने के लिए शुक्रवार को गुप्त बातचीत की।