अफगानिस्तान में महिलाओं का जीवन बना नर्क, तालिबान की कैद में मिल रही यातनाएं; UN ने रिपोर्ट में जताई चिंता
अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान के काबिज होने के बाद वहां के हालात लगातार बिगड़ते ही जा रहा हैं। अफगानिस्तान में महिलाओं के ताजा हालातों को लेकर संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट सामने आई है। इस रिपोर्ट में महिलाओं लड़कियों को मनमाने ढंग से हिरासत में रखने पर चिंता व्यक्त की है। विशेषज्ञों ने अफगानिस्तान में तालिबान प्रशासन से अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार मानदंडों को लागू करने का आग्रह किया है।
एएनआई, काबुल। अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान के काबिज होने के बाद वहां के हालात लगातार बिगड़ते ही जा रहा हैं। अफगानिस्तान में महिलाओं के ताजा हालातों को लेकर संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट सामने आई है। इस रिपोर्ट में महिलाओं, लड़कियों को मनमाने ढंग से हिरासत में रखने पर चिंता व्यक्त की है।
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में महिलाओं की स्थिति पर जताई चिंता
खामा प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने दावा किया है कि तालिबान शासन की जेलों में कैद महिलाओं के साथ शारीरिक दुर्व्यवहार किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि हम तालिबान से आग्रह करते हैं कि वह महिलाओं के पहनावे पर लगाए गए प्रतिबंधों को तत्काल हटाए और इस बहाने लड़कियों को हिरासत में रखने पर रोक लगाए।
UN ने की तालिबान से अपील
खामा प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, इन विशेषज्ञों ने अफगानिस्तान में तालिबान प्रशासन से अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार मानदंडों को लागू करने का आग्रह किया है। उन्होंने विशेष रूप से महिलाओं के खिलाफ सभी तरह के भेदभाव को खत्म करने का आग्रह किया है। क्योंकि अफगानिस्तान ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
मनमाने ढंग से हिरासत में लिया गया
रिपोर्ट के अनुसार, ड्रेस कोड के उल्लंघन के लिए लड़कियों को जनवरी की शुरुआत में मनमाने ढंग से हिरासत में लेना शुरू किया गया था। सबसे ज्यादा पश्चिमी काबुल क्षेत्र में इन लड़कियों को हिरासत में लिया गया था। विशेषज्ञों ने यह भी बताया कि बामियान, दाइकुंडी, पंजशीर, बल्ख और कुंदुज प्रांतों में महिलाओं को हिरासत में लिया गया था।
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शारीरिक यातना का सामना कर रहीं महिलाएं और लड़कियां
विशेषज्ञों ने बताया कि हिरासत में ली गई महिलाओं और लड़कियों को पुलिस थानों में स्थानांतरित कर दिया गया, जहां उन्हें एक दिन में केवल सिर्फ एक ही बार खाना दिया गया और उन्हें शारीरिक यातना का भी सामना करना पड़ा। बता दें कि तालिबान द्वारा लगाई गई पाबंदियों के कारण दस लाख से अधिक अफगान लड़कियां स्कूल जाने या शिक्षा प्राप्त करने से वंचित हो गई हैं।
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