भारत के बाद ऑस्ट्रेलिया भी लगा सकता है टिक टॉक पर प्रतिबंध, सांसदों ने दिया प्रस्ताव
भारत और अमेरिका के नक्शे कदम पर चलते हुए आस्ट्रेलिया में भी टिक टॉक पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है। कई सांसद टिक टॉक पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव कर रहे हैं।
By Krishna Bihari SinghEdited By: Updated: Thu, 09 Jul 2020 08:45 PM (IST)
सिडनी, एएनआइ। भारत और अमेरिका के नक्शेकदम पर चलते हुए आस्ट्रेलिया में भी कई सांसद टिक टॉक पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव कर रहे हैं। उन्हें भी डर है कि चीन सरकार इस एप का इस्तेमाल यूजर्स के डाटा एकत्रित करने के लिए कर रही है। हाल ही में लिबरल पार्टी के सीनेटर जिम मोलन ने कहा कि चीन सरकार टिक टॉक का उपयोग और दुरुपयोग कर रही है।
लेबर पार्टी के सीनेटर जेनी मैक्एलिस्टर ने कथित तौर पर मांग की कि टिक टॉक के प्रतिनिधि सोशल मीडिया के जरिये विदेशी हस्तक्षेप पर प्रवर समिति का सामना करें। हालांकि टिक टॉक लगातार आरोपों से इन्कार कर रहा है, लेकिन इस कदम ने यह सवाल तो खड़ा कर ही दिया है कि क्या चीन वास्तव में टिक टॉक के यूजर्स का डाटा हासिल कर रहा है।साउथ चाइना मॉर्निग पोस्ट की खबर के मुताबिक, टिक टॉक की कंपनी बाइटडांस ने लगातार यह दावा किया है कि उसका डाटा अमेरिका और सिंगापुर स्थित सर्वरों में एकत्रित किया जाता है। हालांकि चीन सरकार के लिए फिर भी इस डाटा तक पहुंचना मुश्किल काम नहीं है। जनवरी में कंपनी ने कहा भी था, 'आपको यह समझना चाहिए कि कोई भी डाटा स्टोरेज सिस्टम या इंटरनेट पर डाटा का ट्रांसमिशन या कोई भी अन्य पब्लिक नेटवर्क की सौ प्रतिशत सुरक्षा की गारंटी नहीं दी सकती।'
बता दें कि अगर टिक टॉक यूजर अपने डिवाइस से सामग्री डिलीट करने का फैसला करें या कुछ देशों की सरकारें एप पर प्रतिबंध लगा दें तो डाटा को पिछली तारीख से डिलीट नहीं किया जा सकता। इसकी वजह यह है कि एक बार इंफॉरमेशन ट्रांसफर होने के बाद कंपनी की मदद के बिना इसे वापस हासिल नहीं किया जा सकता।हटाए 4.9 करोड़ वीडियो
टिक टॉक ने गुरुवार को बताया कि गाइडलाइंस का उल्लंघन करने पर उसने पिछले साल की दूसरी छमाही में अपने प्लेटफॉर्म्स से 4.9 करोड़ से ज्यादा वीडियो को हटाया था। यह संख्या टिक टॉक पर पोस्ट किए गए कुल वीडियो की एक फीसद से भी कम थी। इनमें से करीब एक तिहाई वीडियो भारत के थे। इसके बाद हटाए गए सबसे ज्यादा वीडियो अमेरिका और पाकिस्तान के थे। इस बीच, चीन द्वारा नया नेशनल सिक्योरिटी लॉ लाने के बाद टिक टॉक ने हांगकांग के मार्केट से हटने का फैसला किया है।