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Sri Lanka Crisis: श्रीलंका में बनेगी सर्वदलीय सरकार, गोटाबाया राजपक्षे के इस्तीफे के बाद होगा गठन, राष्ट्रपति भवन छोड़ने को तैयार नहीं प्रदर्शनकारी

मुख्य विपक्षी दल समागी जाना बालवेगया के महासचिव रंजीत मद्दुमा बंडारा ने कहा हमारा लक्ष्य एक सीमित अवधि के लिए सभी दलों की अंतरिम सरकार बनाना और फिर संसदीय चुनाव कराना है। वहीं विमल वीरावानसा ने कहा कि इस सरकार में सभी दलों का प्रतिनिधित्व होगा।

By Amit SinghEdited By: Updated: Mon, 11 Jul 2022 07:34 AM (IST)
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श्रीलंका में बनेगी सर्वदलीय सरकार (सोर्स- रायटर)
कोलंबो, एजेंसियां: आर्थिक संकट के चलते राजनीतिक अस्थिरता के दौर से गुजर रहे श्रीलंका में एक सर्वदलीय अंतरिम सरकार के गठन पर सहमति बन गई है। राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के इस्तीफे के बाद इस सरकार का गठन होगा। प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे पहले ही सर्वदलीय सरकार के गठन के लिए इस्तीफे की पेशकश कर चुके हैं। राष्ट्रपति भवन में कब्जा जमाए बैठे प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के इस्तीफे तक वहां से हटने से इन्कार कर दिया है।

पिकनिक स्पाट बना राष्ट्रपति भवन

राष्ट्रपति भवन का नजारा पिकनिक स्पाट जैसा बन गया है। लोग अपने बच्चों के साथ राष्ट्रपति भवन पहुंच रहे हैं और शाही दावत का लुत्फ उठा रहे हैं। रविवार को विपक्षी दलों की बैठक हुई। इसमें देश को मौजूदा संकट से बाहर निकालने के उपायों पर चर्चा की। इसी में सर्वदलीय सरकार बनाने का निर्णय किया गया। किसी गुप्त स्थान पर रह रहे राष्ट्रपति गोटाबाया ने स्पीकर महिंदा यापा अभयवर्दना के जरिये शनिवार को जानकारी दी थी कि वह 13 जुलाई को अपना पद छोड़ देंगे।

मुख्य विपक्षी दल समागी जाना बालवेगया (एसजेबी) के महासचिव रंजीत मद्दुमा बंडारा ने कहा, 'हमारा लक्ष्य एक सीमित अवधि के लिए सभी दलों की अंतरिम सरकार बनाना और फिर संसदीय चुनाव कराना है।' वहीं सत्तारूढ़ श्रीलंका पोडुजना पेरामुना पार्टी (एसएलपीपी) से अलग हुए गुट के नेता विमल वीरावानसा ने कहा कि इस सरकार में सभी दलों का प्रतिनिधित्व होगा। इसी गुट के नेता वासुदेव नानायकारा ने कहा कि उन्हें राजपक्षे द्वारा 13 जुलाई को इस्तीफा देने का इंतजार नहीं करना चाहिए।

प्रदर्शनकारियों को भ्रष्ट लोगों से मुक्ति मिलने की उम्मीद

राष्ट्रपति भवन में जमे लोगों का कहना है कि उन्होंने अपनी जिंदगी में पहले ऐसे कभी ऐसा आवास नहीं देखा था। राष्ट्रपति के लान में अपने परिवार के साथ लंच करने वाले एक व्यक्ति ने कहा, 'हमें अच्छा मौका मिला है इसलिए मुझे लगता है कि अब पूरा देश शांतिपूर्ण है। भ्रष्ट समाप्त हो जाएंगे। मुझे अपने बच्चों के साथ यहां लंच करने का मौका मिला। राष्ट्रपति भवन में भोजन वाकई शानदार है।' कई लोग सेल्फी लेते देखे जा रहे हैं। जिम, बेडरूम, ड्राइंगरूम, किचन हर जगह प्रदर्शनकारी जमे हुए हैं। कोई आराम कर रहा है, तो कोई खाना खा रहा है तो कोई सेल्फी ले रहा है। स्वीमिंग पूल में नहाने का सिलसिला भी जारी है।

नोटों की गड्डी गिनते प्रदर्शनकारियों का वीडियो वायरल

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि राष्ट्रपति आवास से 1.78 करोड़ रुपये की नकदी मिली है। इंटरनेट मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें लोग रुपये गिनते नजर आ रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि उन्होंने सारा पैसा स्थानीय पुलिस को सौंप दिया।

74 वर्षों से लोगों का दमन किया जा रहा था

एएनआइ के साथ बातचीत में एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा कि 74 वर्षों से हमारा दमन किया जा रहा था। सेना के बल पर नेता कब्जा जमाए बैठे थे। सत्ता में बैठे लोगों ने विदेश से मिलने वाले कर्ज की बंदरबांट की। देश के काम में कुछ नहीं आया।

विक्रमसिंघे का निजी आवास फूंकने के आरोप में तीन गिरफ्तार

पुलिस ने पीएम विक्रमसिंघे के निजी आवास में आग लगाने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। वेब पोर्टल कोलंबो पेज ने पुलिस प्रवक्ता के हवाले से कहा है कि गिरफ्तार आरोपितों में 19 साल का एक युवा भी है। अभी और लोगों की भी गिरफ्तारी हो सकती है।

विरोध थामने की कोशिश तेज

श्रीलंका के चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल शवेंद्र सिल्वा ने लोगों से शांति बनाए रखने में सुरक्षा बलों का सहयोग करने की अपील की है। राष्ट्रपति गोटाबाया अज्ञात स्थान से ही अधिकारियों को लोगों को घरेलू गैस वितरित करने का आदेश दिया है। श्रीलंका को 3,700 मीट्रिक टन एलपीजी मिली है और 11 जुलाई को 3,740 और 15 जुलाई को और 3,200 मीट्रिक टन एलपीजी आने वाली है। निवेश प्रमोशन मंत्री धमीका परेरा, पर्यटन मंत्री हरीन फर्नाडो और श्रम व विदेश रोजगार मंत्री मनुषा नानायकारा ने इस्तीफा देने की घोषणा की है। पूर्व राष्ट्रपति मैत्रीपाल सिरिसेन ने कहा है कि गोटाबाया और विक्रमसिंघे को सत्ता में बने रहने का नैतिक अधिकार नहीं है।

राष्ट्रपति भवन में प्रदर्शनकारियों ने कैबिनेट की माक बैठक की। इसमें आइएमएफ के साथ सरकार की बातचीत का माखौल उड़ाया गया। पीएम विक्रमसिंघे के घर में आग लगाने की घटना पर चर्चा की गई। कोलंबो स्थित चीनी दूतावास ने अपने नागरिकों को चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार के खिलाफ प्रदर्शन में भाग नहीं लें।