उत्तर कोरिया की धमकी के बीच अमेरिकी-दक्षिण कोरियाई जहाजों ने शुरू किया सैन्य अभ्यास
अमेरिका और दक्षिण कोरिया का चार दिवसीय सैन्य अभ्यास का मकसद उत्तर कोरिया की उकसावे वाली कार्रवाई के विरुद्ध दोनों देशों के बीच गठबंधन का प्रदर्शन करना है। इसके साथ ही अपनी नौसैन्य क्षमता को मजबूत करना है।
By JagranEdited By: Monika MinalUpdated: Mon, 26 Sep 2022 04:03 PM (IST)
सियोल, एपी। उत्तर कोरिया द्वारा शार्ट रेंज बैलेस्टिक मिसाइल परीक्षण के एक दिन बाद अमेरिकी और दक्षिण कोरियाई जहाजों ने कोरिया प्रायद्वीप में सोमवार से चार दिवसीय सैन्य अभ्यास (Joint Millitary Drill) शुरू कर दिया। अमेरिका के विमान वाहक पोत (US Aircraft Carrier) ने सोमवार को सैन्य अभ्यास में भाग लिया।
कोरिया प्रायद्वीप में 2017 के बाद पहला परीक्षण
उत्तर कोरियाई खतरे के बीच कोरिया प्रायद्वीप के पूर्वी तट पर पांच साल में ऐसा पहला परीक्षण है। वहीं, अमेरिका-दक्षिण कोरिया के बीच सैन्य अभ्यास की प्रतिक्रिया में उत्तर कोरिया द्वारा आने वाले दिनों में और मिसाइल परीक्षण किए जाने की संभावना है। सोमवार को दक्षिण कोरियाई नौसेना ने एक बयान में कहा कि चार दिवसीय सैन्य अभ्यास का उद्देश्य उत्तर कोरिया की उकसावे वाली कार्रवाई के विरुद्ध अमेरिकी-दक्षिण कोरियाई गठबंधन का प्रदर्शन करना है। इसके साथ ही अपनी नौसैन्य क्षमता को मजबूत करना है। इस दौरान 20 से अधिक अमेरिकी और दक्षिण कोरियाई नौसैनिक पोत सैन्य अभ्यास में शामिल होंगे। इनमें परमाणु क्षमता से युक्त विमान वाहक कैरियर यूएसएस रोनाल्ड रीगन, अमेरिका और दक्षिण कोरियाई क्रूसर व विध्वंसक पोत शामिल रहेंगे।
यूएसएस रोनाल्ड रीगन समेत 20 से अधिक अमेरिकी और दक्षिण कोरियाई नौसेना जहाज संयुक्त अभ्यास कर रहे हैं। साल 2017 के बाद से पहला ऐसा संयुक्त अभ्यास किया जा रहा है जिसमें अमेरिका का एयरक्राफ्ट कैरियर शामिल है। 2017 में नौसेना ड्रिल के लिए अमेरिका ने तीन एयरक्राफ्ट कैरियर भेजे थे जिसमें रीगन भी शामिल था। उस समय भी उत्तर कोरिया ने न्यूक्लियर व मिसाइल टेस्ट किए थे।