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एमनेस्टी ने इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट से अफगानिस्तान में युद्ध अपराधों की जांच करने का किया आग्रह, बदले में मिला ये जवाब

ह्यूमन राइट्स वॉच ने कहा कि अफगानिस्तान में महिलाओं को अभी भी गिरफ्तारी धमकियों और दमन का सामना करना पड़ता है। मानवाधिकारों पर शोध और वकालत करने वाले अंतरराष्ट्रीय एनजीओ ने अफगानिस्तान में महिलाओं की वर्तमान स्थिति पर चिंता जताई। एनजीओ द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट में जूलिया पारसी मनीजेह सेदिकी नेदा परवानी और परीसा आजादा सहित महिला प्रदर्शनकारियों की निरंतर हिरासत की ओर इशारा किया गया।

By AgencyEdited By: Mohammad SameerUpdated: Fri, 08 Dec 2023 06:30 AM (IST)
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इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट से अफगानिस्तान में युद्ध अपराधों की जांच करने का किया आग्रह (file photo)
एएनआई, काबुल (अफगानिस्तान)। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (आईसीसी) से आग्रह किया है कि अगस्त में तालिबान द्वारा सत्ता पर कब्जा करने से पहले अफगानिस्तान में तालिबान और अन्य द्वारा किए गए अपराधों के पीड़ितों को न्याय देने में प्राथमिकता दी जाए और इसमें तेजी लाई जाए। 

एमनेस्टी इंटरनेशनल के दक्षिण एशिया शोधकर्ता जमान सुल्तानी ने अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय से अफगानिस्तान में युद्ध अपराधों से निपटने के मुद्दे को प्राथमिकता देने का आह्वान किया। बयान में सुल्तानी ने कहा-

हम मांग करते हैं कि अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय को अफगानिस्तान में युद्ध अपराधों से निपटने के मुद्दे को प्राथमिकता देनी चाहिए और एक साल पहले शुरू की गई जांच के बारे में जानकारी देनी चाहिए कि यह जांच कहां तक ​​पहुंची है।

इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट हमें जिम्मेदार नहीं ठहरा सकताः तालिबान

टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, तालिबान ने भी अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय से अफगानिस्तान में अन्य देशों के युद्ध अपराधों की जांच करने का आग्रह किया। तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा कि, अफगानिस्तान में किए गए अपराध के लिए शक्तिशाली देश जिम्मेदारी हैं। यह इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट उन्हें जवाबदेह नहीं ठहरा सकता, इसलिए हमें इस संगठन से कोई उम्मीद नहीं है... लेकिन देखा गया है कि वो न्यूटरल हैं इसलिए हम इसके बारे में बात करेंगे।

टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, इस बीच, ह्यूमन राइट्स वॉच ने कहा कि अफगानिस्तान में महिलाओं को अभी भी गिरफ्तारी, धमकियों और दमन का सामना करना पड़ता है। मानवाधिकारों पर शोध और वकालत करने वाले अंतरराष्ट्रीय एनजीओ ने अफगानिस्तान में महिलाओं की वर्तमान स्थिति पर चिंता जताई। 

एनजीओ द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट में जूलिया पारसी, मनीजेह सेदिकी, नेदा परवानी और परीसा आजादा सहित महिला प्रदर्शनकारियों की निरंतर हिरासत की ओर इशारा किया गया।

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