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PM Modi Bhutan Visit: पीएम मोदी के नाम एक और उपलब्धि, भूटान ने अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भूटान का सर्वोच्च नागरिक सम्मान प्राप्त करने वाले पहले विदेशी शासनाध्यक्ष बन गए हैं। भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक ने पीएम मोदी को ऑर्डर ऑफ द ड्रुक ग्यालपो से सम्मानित किया। पीएम मोदी दो दिन के भूटान दौरे पर हैं। शुक्रवार को वो राजधानी थींपू के ताशिचो द्जोंग पैलेस पहुंचे। यहां उनका औपचारिक रूप से स्वागत किया गया।

By Jagran News Edited By: Siddharth Chaurasiya Updated: Fri, 22 Mar 2024 04:06 PM (IST)
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भूटान का सर्वोच्च नागरिक सम्मान प्राप्त करने वाले पहले विदेशी शासनाध्यक्ष बन गए हैं।
एएनआई, थिम्पू (भूटान)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भूटान का सर्वोच्च नागरिक सम्मान प्राप्त करने वाले पहले विदेशी शासनाध्यक्ष बन गए हैं। भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक ने पीएम मोदी को 'ऑर्डर ऑफ द ड्रुक ग्यालपो' से सम्मानित किया।

पीएम मोदी दो दिन के भूटान दौरे पर हैं। शुक्रवार को वो राजधानी थींपू के ताशिचो द्जोंग पैलेस पहुंचे। यहां उनका औपचारिक रूप से स्वागत किया गया। इस दौरान उन्होंने भूटान के राजा जिग्मे वांगचुक से मुलाकात की। इसके पहले प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे ने पारो एयरपोर्ट पर उनका गले मिलकर स्वागत किया। टोबगे ने मोदी से कहा, "स्वागत है मेरे बड़े भाई।"

भूटान के राजा द्वारा 'सर्वोच्च नागरिक सम्मान' से सम्मानित करने के बाद पीएम मोदी ने कहा, "आज एक भारतीय के नाते मेरे जीवन का बहुत बड़ा दिन है, आपने मुझे भूटान के सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया है। हर पुरस्कार अपने आप में विशेष होता ही है लेकिन जब किसी अन्य देश से पुरस्कार मिलता है तो यह महसूस होता है कि हम दोनों देश सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।"

पीएम मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, "140 करोड़ भारतवासी जानते हैं कि भूटान के लोग उनके अपने परिवार के सदस्य हैं। भूटान के लोग भी यह जानते हैं और मानते हैं कि भारत उनका परिवार है। हमारे संबंध, मित्रता, आपसी सहयोग और विश्वास अटूट है। इसलिए मेरे लिए आज का यह दिन बहुत विशेष है।"

प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा, "भारत और भूटान एक साझी विरासत का हिस्सा है। भारत भगवान बुद्ध की भूमि है, उनकी तपोस्थली है। भारत वह भूमि है जहां बुद्ध को बोध प्राप्त हुआ था। भूटान ने भगवान बुद्ध की उन शिक्षाओं को आत्मसात किया, उन्हें संरक्षित किया..."