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देश छोड़ने, शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने में सक्षम नहीं होने पर अफगानों से अशरफ गनी ने माफी मांगी

अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी ने ट्वीटर कर अपनी सफाई पेश की है। गनी ने बुधवार को एक बयान जारी कर अफगान लोगों से 15 अगस्त को अचानक देश छोड़ने और शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने में सक्षम नहीं होने के लिए माफी मांगी है।

By Avinash RaiEdited By: Updated: Wed, 08 Sep 2021 07:51 PM (IST)
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देश छोड़ने, शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने में सक्षम नहीं होने पर अफगानों से अशरफ गनी ने माफी मांगी
नई दिल्ली, एएनआइ। अफगानिस्तान को तालिबान के भरोसे छोड़ कर भागने वाल देश के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी ने ट्वीटर कर अपनी सफाई पेश की है। गनी ने बुधवार को एक बयान जारी कर अफगान लोगों से 15 अगस्त को अचानक देश छोड़ने और शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने में सक्षम नहीं होने के लिए माफी मांगी है।

अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि काबुल को छोड़ना मेरे जीवन का सबसे कठिन निर्णय था, लेकिन मेरा मानना था कि बंदूकों को चुप रखने और काबुल के 60 लाख नागरिकों को बचाने का यही एकमात्र तरीका था। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान के लोगों को छोड़ने का उनका इरादा कभी नहीं था।

गनी ने उन आरोपों कर खारिज कर दिया जिसमें यह कहा गया था कि जब गनी अफगान लोगों से लाखों डॉलर के साथ देश छोड़ कर भाग गए थे, इस पर गनी ने कहा कि आरोप पूरी तरह से गलत और झूठे है। भ्रष्टाचार से लड़ना राष्ट्रपति के रूप में मेरे प्रयासों का केंद्र बिंदु रहा है। मेरी पत्नी और मैं ईमानदार हूं। मैंने सार्वजनिक रूप से अपनी सारी संपत्ति घोषित कर दी है।

गनी ने अपने बयान की सत्यता को साबित करने के लिए कहा कि मैं संयुक्त राष्ट्र के तत्वावधान या किसी अन्य उपयुक्त के तहत एक आधिकारिक ऑडिट या वित्तीय जांच के लिए भी तैयार हूं। उन्होंने आगे कहा कि मैंने अपने जीवन के 20 साल एक लोकतांत्रिक, समृद्ध और संप्रभु राज्य के निर्माण की दिशा में अफगान लोगों की मदद करने के लिए समर्पित किए हैं।

अशरफ गनी ने अपने बयान में कहा कि मैं पिछले चालीस वर्षों के दौरान सभी अफगानों, विशेष रूप से हमारे अफगान सैनिकों और उनके परिवारों के बलिदान के लिए अपनी गहरी प्रशंसा और सम्मान की पेशकश करता हूं। मैं अफगान लोगों से माफी मांगता हूं कि मैं इस जंग को अलग तरीके से खत्म नहीं कर सका। अफगान लोगों के प्रति मेरी प्रतिबद्धता कभी डगमगाई नहीं है।