New Migration Plan: विदेशी छात्रों के लिए अंग्रेजी की परीक्षा को कठिन बनाएगा ऑस्ट्रेलिया, नई माइग्रेशन योजना की घोषणा
ऑस्ट्रेलिया ने सोमवार को नई माइग्रेशन योजना की घोषणा की। इसका उद्देश्य विदेशी छात्रों के लिए सख्त अंग्रेजी टेस्ट के साथ ही कम कौशल वाले श्रमिकों पर रोक लगाना है। साथ ही प्रवासियों की वार्षिक संख्या को दो वर्षों में आधा करना है। यह वर्तमान में 510000 के रिकार्ड स्तर पर पहुंच गया है। हालांकि जानकारों का कहना है कि इसका भारतीय छात्रों और पेशेवरों पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।
पीटीआई, सिडनी। ऑस्ट्रेलिया ने सोमवार को नई माइग्रेशन योजना की घोषणा की है। इसका उद्देश्य विदेशी छात्रों के लिए सख्त अंग्रेजी टेस्ट के साथ ही कम कौशल वाले श्रमिकों पर रोक लगाना है।
साथ ही प्रवासियों की वार्षिक संख्या को दो वर्षों में आधा करना है। यह वर्तमान में 5,10,000 के रिकार्ड स्तर पर पहुंच गया है। हालांकि, जानकारों का कहना है कि इसका भारतीय छात्रों और पेशेवरों पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। वे पढ़ाई पूरी करने के बाद अस्थायी रूप से ऑस्ट्रेलिया में काम करने में सक्षम होंगे, क्योंकि वे आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते (ईसीटीए) के तहत संरक्षित हैं।
ईसीटीए के तहत भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच प्रतिबद्धता बरकरार
ऑस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त फिलिप ग्रीन ने कहा कि नई माइग्रेशन योजना के तहत ईसीटीए के तहत भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सहमत प्रतिबद्धताओं को बरकरार रखा जाएगा। इसका मतलब यह है कि भारतीय स्नातक डिग्री के लिए दो साल, मास्टर डिग्री पूरी करने के लिए तीन साल और पीएचडी के लिए चार साल के लिए अस्थायी स्नातक वीजा पर रहने के पात्र बने रहेंगे।
नई योजना में छात्रों को अधिक कठिन अंग्रेजी परीक्षा करनी होगी पास
सिडनी मार्निंग हेराल्ड के अनुसार, नई योजना में छात्रों को अधिक कठिन अंग्रेजी-भाषा की परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी। उन्हें देश में प्रवेश से पहले यह साबित करना होगा कि वे वास्तविक छात्र हैं। अगर नौकरी नहीं मिलती हैं तो उनके लिए ऑस्ट्रेलिया में रहना कठिन हो जाएगा।
अगर नई योजना जून 2025 तक इस संख्या को 2,50,000 तक नहीं कर पाती है, तो सरकार अधिक सख्त उपायों के लिए भी तैयार है। इनमें छात्रों की संख्या पर कैपिंग या वीजा आवेदनों पर उच्च शुल्क शामिल है।