ऑस्ट्रेलिया में भारतीयों के खिलाफ सड़क पर क्यों उतरे हजारों लोग? हो रहा जोरदार प्रदर्शन
ऑस्ट्रेलिया के कई शहरों में आप्रवासन के खिलाफ रैलियाँ निकाली गईं जहाँ प्रदर्शनकारियों ने देश के संसाधनों पर बढ़ते दबाव की बात कही। सरकार ने इन रैलियों को समाज को विभाजित करने वाला कदम बताया और कहा कि इनका संबंध नव-नाजी संगठनों से है। रैलियों में शामिल लोगों ने आप्रवासन नीति से आम जनता के जीवन पर असर पड़ने का दावा किया।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया के कई शहरों में रविवार को हजारों लोगों ने इमिग्रेशन के खिलाफ रैलियां निकालीं। 'मार्च फॉर ऑस्ट्रेलिया' नाम से हुई इन रैलियों में प्रदर्शनकारियों ने कहा कि बड़े पैमाने पर हो रही आव्रजन से देश के संसाधनों पर दबाव बढ़ रहा है।
सरकार ने इन रैलियों की कड़ी आलोचना की और इन्हें समाज को बांटने वाला कदम बताया। लेबर पार्टी सरकार का कहना है कि ये प्रदर्शन वास्तव में नफरत फैलाने के लिए किए जा रहे हैं और इनका संबंध नियो-नाजी संगठनों से है।
भारतीयों के खिलाफ लिखा था पर्चा
रैली के दौरान एक पर्चे पर लिखा था, "पांच साल में जितने भारतीय आए हैं उतने तो 100 साल में ग्रीक और इटालियन भी नहीं आए। यह सिर्फ एक देश से आए हैं जिसके बारे में हम जानते हैं कि प्रवास का सांस्कृतिक प्रभाव पड़ता है।"
रैली के आयोजकों का कहना है कि उनका मकसद देश की संस्कृचि, रोजगार, आवास, अस्पताल, ट्रैफिक और पर्यावरण जैसे मुद्दों पर लोगों की परेशानी को उजागर करना है।
बता दें, ऑस्ट्रेलिया में पहले से ही नियो-नाजी प्रतीकों और सलामी पर रोक लगाने वाले कानून लागू किए जा चुके हैं। सरकार का कहना है कि ये रैलियां उन्हीं चरमपंथी ताकतों से जुड़ी है, जिन्होंने अतीत में यहूदी समुदाय और इमारतों पर हमले किए थे।
कितने लोग रैली में हुए शामिल
सिडनी में करीब 5 हजार से 8 हजार लोग ऑस्ट्रेलिया झंडा लहराते हुए रैली में शामिल हुए। यहां एक काउंटर-प्रोटेस्ट भी हुआ, जिसे रिफ्यूजी एक्शन कोएलेशन ने आयोजित किया। इस समूह ने कहा कि उनकी रैली यह दिखाने के लिए है कि लोग दक्षिणपंथी एजेंडे से गुस्से में हैं।
सिडनी और मेलबर्न में पुलिस ने बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात किए। मेलबर्न में पुलिस को भीड़ पर काबू पाने के लिए पेपर स्प्रे का इस्तेमाल करना पड़ा। हालांकि, सिडनी में पुलिस का कहना है कि कार्यक्रम बिना किसी बड़ी घटना के खत्म हुआ।
इस रैली में ऑस्ट्रेलिया के छोटे पॉपुलिस्ट दल के नेता बॉब कैटर भी शामिल हुए। वे तब विवादों में आ गए थे जब एक रिपोर्टर ने उनकी लेबनानी पृष्ठभूमि का जिक्र किया था।
क्या था प्रदर्शन का मकसद
सिडनी में प्रदर्शनकारी ग्लेन ऑलचिन ने कहा कि उनका मकसद इमिग्रेशन को पूरी तरह रोकना नहीं बल्कि उसे धीमा करना है। उन्होंने कहा, "हमारे बच्चे घर नहीं खरीद पा रहे हैं, अस्पतालों में सात घंटे इंतजार करना पड़ता है, सड़कें कम हैं और ट्रैफिक ज्यादा है।"
रैली में शामिल लोगों का दावा है कि सरकार की इमिग्रेशन नीति से आम जनता के जीवन पर सीधा असर पड़ रहा है, जूकि सरकार और कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह केवल नफरत फैलाने और समाज को बांटने की कोशिश है।
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