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नेपाल में खराब मौसम बना आम लोगों के लिए काल, अलग-अलग घटनाओं में अब तक 62 लोगों की मौत

नेपाल में खराब मौसम ने रोजमर्रा की जिंदगी को अस्त-व्यस्त कर दिया है। दक्षिण पश्चिमी मानसून के आगमन से लेकर अब तक मौसम संबंधी घटनाओं के कारण 62 लोगों की मौत हो चुकी है और देश भूस्खलन बाढ़ व आकाशीय बिजली गिरने से प्रभावित हुआ है। मानसून ने 10 जून को नेपाल के पूर्वी हिस्सों में दस्तक दी थी और तब से देश में कई प्राकृतिक आपदाएं आ चुकी हैं।

By Jagran News Edited By: Siddharth Chaurasiya Updated: Mon, 08 Jul 2024 06:00 AM (IST)
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मानसून की शुरुआत के बाद से नेपाल में मरने वालों की संख्या बढ़कर 62 हो गई है। (ANI)

एएनआई, काठमांडू (नेपाल)। मानसून की शुरुआत के बाद से नेपाल में मरने वालों की संख्या बढ़कर 62 हो गई है और 90 अन्य घायल हो गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि मानसून से संबंधित इन मौतों का मुख्य कारण भूस्खलन, बाढ़ और आकाशीय बिजली गिरना है। नेपाल के गृह मंत्रालय के अनुसार, हिमालयी राष्ट्र में मानसून की शुरुआत से ही लगातार बारिश हो रही है। रिपोर्ट में बताया गया है कि इस मानसून में नेपाल में औसत से अधिक बारिश होने की संभावना है।

गृह मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण एवं प्रबंधन प्राधिकरण के रिकॉर्ड के अनुसार, बाढ़, भूस्खलन और बिजली गिरने जैसी मानसून से संबंधित विभिन्न आपदाओं में अब तक 62 लोग मारे गए हैं। प्राधिकरण के अनुसार, चार लोगों का अभी भी पता नहीं चल पाया है और 90 लोग घायल हुए हैं।

प्राकृतिक आपदाओं में 62 लोगों की मौत

केंद्र के अनुसार, शनिवार को बाढ़ के कारण मोरंग में एक, डांग में तीन, कैलाली में एक, कवरेपालनचौक में दो, उदयपुर में एक और पाल्पा में 9 लोगों की मौत हो गई। इसके अलावा, बाढ़ के कारण दो लोग लापता हैं।

पांच घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। ग्यारह घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। इसी तरह, भूस्खलन के कारण 34 लोगों की जान चली गई। प्राधिकरण के आंकड़ों के अनुसार, भूस्खलन के कारण दो लोग लापता हो गए और 38 लोग घायल हो गए।

इसी तरह भूस्खलन से 43 घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं और 24 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। 19 शेड क्षतिग्रस्त हो गए और 12 लोग घायल हो गए। वहीं, नेपाल में बाढ़ के कारण 11 घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं और छह घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं।

बिजली गिरने से 19 लोगों की मौत

आंकड़ों के अनुसार, बिजली गिरने से 19 लोगों की मौत हो गई और 35 लोग घायल हो गए। प्राधिकरण के प्रवक्ता डॉ. दीजन भट्टराई ने कहा, "बाढ़, भूस्खलन, जलप्लावन और बिजली गिरने जैसी मानसून से जुड़ी घटनाएं अभी भी बढ़ रही हैं। हम नुकसान को कम करने के लिए संबंधित एजेंसियों के साथ समन्वय करके आगे बढ़ रहे हैं।"

उन्होंने कहा कि इस साल अनुमान है कि औसत से अधिक बारिश होगी और 1.8 मिलियन लोग इससे प्रभावित होंगे, इसलिए सतर्क रहना जरूरी है। उनके अनुसार इस साल मानसून अवधि के दौरान अनुमान है कि मानसून से जुड़ी आपदाओं से 412 हजार घर प्रभावित होंगे। मौसम विभाग के प्रवक्ता सुनील पोखरेल ने बताया कि सोमवार से पूरे देश में बाढ़ का खतरा कम हो जाएगा।