हिंदुओं के आगे झुकी बांग्लादेश की नई सरकार, मंदिरों में तोड़फोड़ पर मांगी माफी; खुद बनवाएगी
हिंदुओं के भारी विरोध प्रदर्शन और भारत सरकार के दबाव के बाद आखिरकार बांग्लादेश की नई अंतरिम सरकार झुक गई है। सरकार ने हिंदुओं के खिलाफ हुई हिंसा मामले में माफी मांगी है। उपद्रवियों को सजा दिलाने की भी बात कही है। बता दें कि शेख हसीना के इस्तीफे के बाद बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा भड़क गई थी।
आईएएनएस, ढाका। बांग्लादेश में हिंदुओं पर हुए हमलों और मंदिरों में तोड़फोड़ के लिए सरकार ने माफी मांगी है। गृह मंत्रालय के प्रमुख ब्रिगेडियर जनरल (रिटायर्ड) मुहम्मद सखावत हुसैन ने कहा कि पिछले हफ्ते हुई हिंसा में बहुत से स्थानों पर हिंदुओं पर हमले हुए, उसके लिए सरकार को खेद है। इस हिंसा में जिन लोगों को नुकसान हुआ और जो मंदिर तोड़े या जलाए गए हैं उनकी क्षतिपूर्ति और निर्माण के लिए सरकार आर्थिक सहायता देगी।
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पीड़ितों से मिलेंगे यूनुस
अंतरिम प्रधानमंत्री मुहम्मद यूनुस मंगलवार को हिंसा से पीड़ित समुदायों के प्रमुख लोगों से मिलेंगे। उन्होंने भी अल्पसंख्यकों को पूरी सुरक्षा का भरोसा दिया है। विदित हो कि यूनुस को दिए बधाई संदेश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हिंदुओं पर हो रहे हमलों पर चिंता जताई थी और उन्हें रोकने की अपेक्षा की थी।उपद्रवियों ने हिंदुओं को बनाया निशाना
बांग्लादेश में प्रधानमंत्री पद से शेख हसीना के इस्तीफे की मांग को लेकर चार, पांच और छह अगस्त को भारी हिंसा हुई थी। इस हिंसा में उपद्रवियों के निशाने पर सरकारी इमारतों के अतिरिक्त अवामी लीग के नेता और हिंदू थे। इस दौरान हिंदुओं के मकानों, व्यापारिक प्रतिष्ठानों और मंदिरों पर बड़े पैमाने पर हमले हुए। इन हमलों में दो लोग मारे गए और 45 घायल हुए। इन हमलों की पूरे विश्व में निंदा हुई है।
हिंदू पर्वों पर कड़ी होगी सुरक्षा
सखावत हुसैन ने कहा कि जन्माष्टमी, दुर्गा पूजा और अन्य पर्वों पर सरकार की ओर से सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए जाएंगे जिससे हर्षोल्लास से सभी आयोजन किए जा सकें। सरकार अल्पसंख्यकों की सुरक्षा में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।सरकार सांप्रदायिक सौहार्द की पक्षधर: एएफएम खालिद हुसैन
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार में धार्मिक मामलों का मंत्रालय संभाल रहे एएफएम खालिद हुसैन ने कहा है कि वर्तमान सरकार देश में सांप्रदायिक सौहार्द की पक्षधर है और अल्पसंख्यकों पर हुए हमलों की निंदा करती है। जिन लोगों ने अल्पसंख्यकों पर हमले किए वे उपद्रवी थे और सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई करेगी।