भ्रष्टाचार के मामले में बरी हुए बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस, फंड के दुरुपयोग का था आरोप
Bangladesh बांग्लादेश के भ्रष्टाचार निरोधक आयोग ने अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस के खिलाफ दर्ज भ्रष्टाचार का एक मामला वापस ले लिया है । अदालत ने एजेंसी के आवेदन को स्वीकार करते हुए मामले को वापस लेने का आदेश दिया है। मुहम्मद यूनुस पर ग्रामीण दूरसंचार श्रमिक और कर्मचारी कल्याण कोष से धन के दुरुपयोग का आरोप था।
पीटीआई, ढाका। बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ लेने के तीन दिन बाद मुहम्मद यूनुस को भ्रष्टाचार से जुड़े एक मामले में बरी कर दिया गया। समाचार एजेंसी पीटीआई ने मीडिया रिपोर्ट के हवाले से बताया कि मुहम्मद यूनुस को भ्रष्टाचार निरोधक आयोग द्वारा ग्रामीण दूरसंचार श्रमिक और कर्मचारी कल्याण कोष से धन के दुरुपयोग मामले में रविवार को बरी कर दिया गया।
पीटीआई के मुताबिक द डेली स्टार समाचार ने भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी के एक अधिकारी के हवाले से बताया कि ढाका के विशेष न्यायालय-4 के न्यायाधीश मोहम्मद रबीउल आलम ने भ्रष्टाचार एजेंसी के आवेदन को स्वीकार करने के बाद यह आदेश दिया, जिसमें आपराधिक प्रक्रिया संहिता के तहत मामले को वापस लेने की मांग की गई थी।
जनवरी में सुनाई गई थी सजा
रिपोर्ट के अनुसार श्रम अपीलीय न्यायाधिकरण ने 7 अगस्त को मुहम्मद यूनुस और ग्रामीण टेलीकॉम के तीन शीर्ष अधिकारियों - अशरफुल हसन, एम शाहजहां और नूरजहां बेगम को श्रम कानून उल्लंघन मामले में बरी कर दिया, जिसमें जनवरी में उन्हें छह महीने की कैद की सजा सुनाई गई थी और प्रत्येक पर 30,000 टका का जुर्माना लगाया गया था।गौरतलब है कि 84 वर्षीय अर्थशास्त्री यूनुस ने गुरुवार को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के रूप में शपथ ली। यह पद प्रधानमंत्री के बराबर होता है। नूरजहां बेगम, जो भ्रष्टाचार मामले में भी आरोपी थीं, 16 सदस्यीय सलाहकार परिषद की सदस्य हैं, जो राज्य के मामलों को चलाने में यूनुस की सहायता करेगी।
शेख हसीना सरकार ने दर्ज किए थे कई मामले
पीटीआई के अनुसार यूनुस का शेख हसीना सरकार के साथ लंबे समय से विवाद चल रहा था। 2008 में अधिकारियों ने यूनुस ने के खिलाफ कई जांच शुरू की थीं। सरकार ने 2011 में वैधानिक ग्रामीण बैंक की गतिविधियों की समीक्षा शुरू की और सरकारी सेवानिवृत्ति विनियमन का उल्लंघन करने के आरोप में यूनुस को इसके संस्थापक प्रबंध निदेशक के पद से हटा दिया।हसीना के शासनकाल के दौरान यूनुस पर दर्जनों मामले दर्ज किए गए थे। कई लोगों का मानना है कि 2007 में जब देश में सैन्य समर्थित सरकार चल रही थी और हसीना जेल में थीं, तब यूनुस ने घोषणा की थी कि वह एक राजनीतिक पार्टी बनाएंगे। इससे हसीना नाराज हो गईं थीं।