Bangladesh Crisis: क्या शेख हसीना के खिलाफ ICT में चलेगा केस? अंतरिम सरकार ने दिए जांच के आदेश
Bangladesh Crisis बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने प्रदर्शनों के दौरान हुई हत्याओं की जांच कराएगी। अंतरिम सरकार के कानूनी सलाहकार डॉ. आसिफ नजरुल ने कहा कि अंतरिम सरकार ने इन घटनाओं की जांच संयुक्त राष्ट्र (UN) की निगरानी में कराने की तैयारी कर ली है। एक जुलाई से पांच अगस्त के बीच हुई हत्याओं की सुनवाई अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण में होगी।
पीटीआई, ढाका। बांग्लादेश में भड़की हिंसक घटनाओं में मरने वालों की संख्या पांच सौ के पार पहुंच गई है। वहीं, पड़ोसी देश की अंतरिम सरकार ने बुधवार को कहा कि वह शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ हाल ही में हुए छात्रों के आंदोलन के दौरान हुई हत्याओं में शामिल लोगों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) में मुकदमा चलाएगी।
UN की निगरानी में होगी जांच
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, अंतरिम सरकार के कानून सलाहकार डॉ. आसिफ नजरुल ने कहा कि अंतरिम सरकार ने इन घटनाओं की जांच संयुक्त राष्ट्र (UN) की निगरानी में कराने की तैयारी कर ली है। एक जुलाई से पांच अगस्त के बीच हुई हत्याओं की सुनवाई अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण में होगी।
500 के पार पहुंची मरने वालों की संख्या
मालूम हो कि पांच अगस्त को हसीना सरकार के पतन के बाद देश भर में भड़की हिंसा की घटनाओं में बांग्लादेश में 230 से अधिक लोगों की मौत हुई थी। नौकरियों में विवादास्पद आरक्षण प्रणाली के खिलाफ छात्रों के आंदोलन से शुरू हुई हिंसा के तीन सप्ताह के दौरान मरने वालों की संख्या 560 हो गई है।
हत्या में शामिल लोगों पर होगी कार्रवाईः नजरुल
डॉ. आसिफ नजरुल ने कहा कि हमने गोलीबारी और हत्याओं की घटनाओं की जांच की, ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या इसमें मानवता के खिलाफ अपराध के तौर पर मुकदमा चलाने की गुंजाइश है। उन्होंने कहा कि पूर्ण पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए एक जांच दल संयुक्त राष्ट्र की पूर्ण निगरानी में काम करेगा और हत्या में शामिल निवर्तमान सरकार के किसी भी अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा।
झूठे मामले लिए जाएंगे वापस
ढाका में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए अंतरिम सरकार के विधि सलाहकार ने कहा कि जो मामले झूठे हैं और आंदोलन के दौरान लोगों को परेशान करने के लिए दर्ज किए गए थे, उन्हें कल तक वापस ले लिया जाएगा और शेष मामले 31 अगस्त तक वापस ले लिए जाएंगे।
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