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नहीं रहा सबसे कुख्यात जल्लाद, मौत से पहले बना TikTok स्टार, पूर्व पीएम के हत्यारों को भी दे चुका फांसी

बांग्लादेश का सबसे कुख्यात जल्लाद अब दुनिया में नहीं रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री के हत्यारों तक को फांसी देने वाला शाहजहां बौया अपने जीवन के आखिरी पलों में टिक टॉक स्टार बन चुका था। सीने में दर्द के बाद उसे अस्पताल ले जाया गया लेकिन तब तक उसकी जान जा चुकी थी। हालांकि अभी मौत की वास्तविक वजह सामने नहीं आई है।

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Tue, 25 Jun 2024 08:37 AM (IST)
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नहीं रहा बांग्लादेश का सबसे कुख्यात जल्लाद।
एजेंसी, ढाका। बांग्लादेश के सबसे कुख्यात जल्लाद शाहजहां बौया (70) की मौत हो गई है। एक साल पहले ही उसे जेल से रिहा किया गया था। शाहजहां ने बांग्लादेश के सीरियल किलर, युद्ध अपराधों के दोषी विपक्षी नेताओं और तख्तापलट की साजिश रचने वालों को फांसी पर चढ़ा चुका है। जेल से रिहा होने के बाद शाहजहां ने 96 पन्नों की एक किताब भी लिखी। इसमें उसने जल्लाद के रूप में अपने अनुभवों को साझा किया। यह किताब बांग्लादेश के सबसे बड़े पुस्तक मेले में बेस्ट सेलर रही।

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50 साल छोटी युवती से की थी शादी

जेल से रिहा होने के बाद शाहजहां ने अपने से 50 साल छोटी युवती से शादी भी की थी। हालांकि यह ज्यादा दिनों तक नहीं चली। मौजूदा समय में वह TikTok पर किशोर लड़कियों के साथ वीडियो बनाता था। पुलिस के मुताबिक सोमवार सुबह शाहजहां को सीने में दर्द हुआ। इसके बाद उसे ढाका के सुहरावर्दी अस्पताल ले जाया गया। हालांकि तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। अभी मौत की असल वजह का पता नहीं चला है।

मकान मालिक ने क्या बताया?

शाहजहां बौया राजधानी ढाका के पास औद्योगिक शहर हेमायतपुर में रहता था। उसके मकान मालिक अबुल काशेम ने बताया कि उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। 15 दिन पहले ही कमरा किराये पर लिया था। वह अकेला रहता था।

हत्या मामले में 42 साल जेल में रहा

1979 में पुलिस के साथ गोलीबारी में एक ट्रक चालक की मौत हो गई थी। इसी मामले में शाहजहां बौया को दोषी ठहराया गया था। वह 42 साल से जेल में बंद था। मगर जेल में उसने दर्जनों बार फांसी दी। इस वजह से उसकी सजा कम हो गई और 2023 में उसे रिहा कर दिया गया था।

मार्क्सवादी था शाहजहां

शाहजहां बौया एक मार्क्सवादी था। 1970 के दशक में वह गैर-कानूनी सर्वहारा विद्रोहियों का हिस्सा बन गया था। ये विद्रोही उस समय सरकार गिराने की कोशिश में थे, क्योंकि ये बांग्लादेश सरकार को भारत की कठपुतली मानते थे।

ऐसे जल्लाद बना था शाहजहां

जेल में शाहजहां ने चार कैदियों को एक जल्लाद की मालिश करते देखा। वह चौंक गया कि एक जल्लाद के पास इतनी ताकत होती है? इसके बाद उसने भी जल्लाद के रूप में अपनी सेवा देने का मन बना लिया था। अधिकारियों को मुताबिक शाहजहां ने कुल 26 बार फांसी दी लेकिन उसका कहना है कि 60 बार फांसी दी है।

इनको दे चुका था फांसी

शाहजहां ने 1975 में तख्तापलट की साजिश रचने और वर्तमान प्रधानमंत्री शेख हसीना के पिता की हत्या के दोषी सैन्य अधिकारी को भी फांसी दी है। शाहजहां का यह भी मानना है कि उसने तीन निर्दोष लोगों को भी फांसी पर चढ़ाया है। मानवाधिकार समूह एमनेस्टी इंटरनेशनल के मुताबिक बांग्लादेश दुनिया में मौत की सजा देने के मामले में तीसरे स्थान पर है। यहां फांसी देने का काम दोषी कैदियों को सौंपा जाता है।

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