हिंदुओं को सबक सिखाने की धमकी पर गरजा विपक्ष... PM शेख हसीना को सत्ता से उखाड़ फेंकने का लिया संकल्प
बांग्लादेश के विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने प्रधानमंत्री शेख हसीना को हटाने की योजना की घोषणा करते हुए कहा है कि पार्टी चुनाव में भाग लेने के बजाय जबरन सत्ता पर कब्जा कर सकती है। इस पार्टी ने अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय को भी सबक सिखाने की धमकी दी है। आलमगीर ने यह टिप्पणी बुधवार शाम को ढाका में की।
By Jagran NewsEdited By: Prince SharmaUpdated: Fri, 20 Oct 2023 06:45 AM (IST)
आइएएनएस, ढाका। बांग्लादेश के विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने प्रधानमंत्री शेख हसीना को हटाने की योजना की घोषणा करते हुए कहा है कि पार्टी चुनाव में भाग लेने के बजाय जबरन सत्ता पर कब्जा कर सकती है।
सरकार को उखाड़ फेंकने का लिया संकल्प
इस पार्टी ने अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय को भी सबक सिखाने की धमकी दी है। आलमगीर ने यह टिप्पणी बुधवार शाम को ढाका के नया पल्टन इलाके में पार्टी के केंद्रीय कार्यालय के सामने की।
आलमगीर ने यह भी कहा कि पार्टी के कार्यवाहक नेता तारिक रहमान के नेतृत्व में बीएनपी सत्ता हासिल करने का इंतजार कर रही है। जियाउर रहमान फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक अन्य कार्यक्रम में आलमगीर ने सैकड़ों लोगों को संबोधित करते हुए हसीना के नेतृत्व वाली सरकार को उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया।
बांग्लादेश वापस लो... के लगेंगे नारे
उन्होंने कहा कि सड़कों पर लड़ो, हम इसका सामना करने के लिए तैयार हैं। आलमगीर ने कहा कि हिंदू समुदाय के सबसे बड़े त्योहार दुर्गा पूजा के बाद 28 अक्टूबर (लक्ष्मी पूजा के दिन) को हम राजधानी में इकट्ठा होंगे और आंदोलन चलाएंगे। हमें कोई नहीं रोक सकता। यह रैली 'बांग्लादेश वापस लो' के नारे के साथ समाप्त हुई। यह नारा बिना चुनाव के सत्ता हथियाने के इरादे को दर्शाता है। इस अभियान को लंदन से तारिक रहमान चला रहे हैं।
रहमान, पूर्व प्रधानमंत्री बेगम खालिदा जिया के बेटे हैं। उन्हें मनी लांड्रिंग, उल्फा और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों के साथ मिलीभगत, हथियारों और गोला-बारूद की तस्करी और आतंकियों के साथ मिलकर हसीना की हत्या करने के लिए ग्रेनेड हमले सहित कई मामलों में दोषी ठहराया गया है। अल्पसंख्यक समुदाय के नेताओं और राजनीतिक पर्यवेक्षकों ने कहा, यह एक खुली धमकी है, जो अतीत में बीएनपी-जमात के लोगों द्वारा किए गए अत्याचार की यादें ताजा करती है।