'बांग्लादेश में व्रत-पूजा की समस्या नहीं, बनाएं सांप्रदायिक सौहार्द वाला देश', हिंदुओं पर हमले के बीच मंत्री ने की अपील
बांग्लादेश में धार्मिक मामलों के प्रभारी मंत्री एएफएम खालिद हुसैन ने कहा है कि देश में व्रत और पूजा को लेकर कोई समस्या नहीं है। उन्होंने बांग्लादेश को सांप्रदायिक सौहार्द वाला देश बनाने का आह्वान किया है। अंतरिम सरकार की ओर से यह आह्वान इसी महीने शेख हसीना सरकार के खिलाफ हुए आंदोलन के दौरान हिंदुओं पर हमलों के मद्देनजर हुआ है।
पीटीआई, ढाका। बांग्लादेश में धार्मिक मामलों के प्रभारी मंत्री एएफएम खालिद हुसैन ने कहा है कि देश में व्रत और पूजा को लेकर कोई समस्या नहीं है। उन्होंने बांग्लादेश को सांप्रदायिक सौहार्द वाला देश बनाने का आह्वान किया है जिसमें सभी धर्मों को मानने वाले लोग शांति और सद्भाव से रह सकें। अंतरिम सरकार की ओर से यह आह्वान इसी महीने शेख हसीना सरकार के खिलाफ हुए आंदोलन के दौरान हिंदुओं पर हमलों के मद्देनजर हुआ है।
बांग्लादेश नेशनल हिंदू ग्रांड एलायंस ने कहा है कि चार, पांच और छह अगस्त को हुई हिंसा में देश के 48 जिलों में हिंदुओं पर हमलों की 278 घटनाएं हुईं। इस दौरान दो हिंदुओं की मौत हुई और करीब 50 लोग घायल हुए। इसके अतिरिक्त हिंदुओं के घरों, व्यापारिक प्रतिष्ठानों और मंदिरों को निशाना बनाया गया। इन हमलों से भयभीत हजारों बांग्लादेशी हिंदुओं ने भागकर भारत जाने की कोशिश की।
'उपद्रवियों ने हिंदुओं बौद्धों और ईसाइयों के घरों पर किए हमले'
चटगांव की हजरत उस्मान जामे मस्जिद में नमाज से पहले मुस्लिम समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए डा. खालिद हुसैन ने कहा, देश में सभी धर्मों के लोगों के बीच सौहार्द पैदा कर शांति का वातावरण बनाना सरकार का लक्ष्य है। सरकार बांग्लादेश को सभी धर्मों के लोगों के लिए स्वतंत्रता के साथ रहने लायक बनाना चाहती है, जहां पर सभी धर्मों के लोगों को उनकी मान्यता के अनुसार धार्मिक गतिविधियों की आजादी हो।हुसैन ने कहा कि अवामी लीग की सरकार के विरोध में छेड़े गए आंदोलन के दौरान कुछ उपद्रवियों ने हिंदुओं बौद्धों और ईसाइयों के घरों व धर्मस्थलों पर हमले किए, जो गलत थे।
'बांग्लादेश की छवि को हुआ नुकसान'
इन हमलों से संबंधित जो खबरें विदेशी मीडिया में आईं उनसे बांग्लादेश की छवि को नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा, देश में कानून व्यवस्था की स्थिति बनी रहे और भाईचारे का वातावरण बने, यह सभी की जिम्मेदारी है।बांग्लादेश में हसीना सरकार को हटाने के लिए हुई हिंसा के दौरान ढाका में मनुष्यों की मां के रूप में विख्यात मां ढाकेश्वरी मंदिर की हिंदू और मुस्लिम समुदाय के लोगों ने मिलकर सुरक्षा की। सदियों पुराने इस मंदिर को बांग्लादेश में राष्ट्रीय मंदिर की मान्यता प्राप्त है। यह हिंदू धर्म की प्रमुख शक्तिपीठों में शामिल है। मंदिर के प्रमुख पुजारियों में से एक असीम मैत्रो ने बताया कि देश के सभी हिस्सों से हिंदू मुस्लिम, ईसाई और बौद्ध यहां पर आते हैं और सुख-समृद्धि के लिए मां से कामना करते हैं।
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