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तीस्ता पर चीन के प्रस्ताव पर भारत के हितों का ध्यान रखेगा बांग्लादेश, ड्रैगन ने नदी पर विकास कार्य में सहयोग की रखी है पेशकश

चिकन नेक नाम से जाने जानी वाली महत्वपूर्ण सिलीगुड़ी कारिडोर परियोजना के निकट प्रमुख परियोजना में चीनी भागीदारी में भारत की आपत्ति के सवाल पर विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने जवाब दिया। अभी हाल ही में चीनी राजदूत याओ वेन ने कहा था कि बीजिंग को तीस्ता बेसिन के विकास के लिए कई प्रस्ताव मिले हैं। हम बांग्लादेश में चुनाव प्रक्रिया के समाप्त होने का इंतजार कर रहे हैं।

By Agency Edited By: Amit Singh Updated: Thu, 28 Dec 2023 11:39 PM (IST)
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तीस्ता नदी के जल बंटवारे को लेकर भारत-बांग्लादेश के बीच विवाद है।

पीटीआई, ढाका। बांग्लादेश ने गुरुवार को कहा कि वह भारत से देश में प्रवेश करने वाली तीस्ता नदी पर जलाशय बनाने के चीनी प्रस्ताव पर भूराजनीतिक मुद्दों का ध्यान रखेगा। चीन ने तीस्ता नदी के बांग्लादेश हिस्से पर विकास कार्यों के सहयोग बढ़ाने की इच्छा व्यक्त की है। संबंधित मंत्रालय और आर्थिक संबंध प्रभाग उनके प्रस्ताव पर विचार कर रहे हैं। यह जानकारी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में दी।

'चिकन नेक' नाम से जाने जानी वाली महत्वपूर्ण सिलीगुड़ी कारिडोर परियोजना के निकट प्रमुख परियोजना में चीनी भागीदारी में भारत की आपत्ति के सवाल पर विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने जवाब दिया। अभी हाल ही में चीनी राजदूत याओ वेन ने कहा था कि बीजिंग को तीस्ता बेसिन के विकास के लिए कई प्रस्ताव मिले हैं। हम बांग्लादेश में चुनाव प्रक्रिया के समाप्त होने का इंतजार कर रहे हैं।

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बांग्लादेशी अधिकारियों के अनुसार, चीन ने तीस्ता नदी में वृहद स्तर पर सफाई करने, जलाशय और तटबंध बनाने का प्रस्ताव रखा था। हालांकि बांग्लादेश ने करोड़ों डालर की परियोजना को अब तक रोक रखा है। विश्लेषकों का मानना है कि चीनी भागीदारी से प्रमुख नदी पर भारत-बांग्लादेश के बीच विवाद और जटिल हो सकता है।

तीस्ता नदी के जल बंटवारे को लेकर भारत-बांग्लादेश के बीच विवाद है। 2009 में प्रधानमंत्री शेख हसीना के सत्ता में आने के बाद से बांग्लादेश-भारत बीच जल-बंटवारा समझौते पर बातचीत चल रही है। दोनों पड़ोसी देश तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की 2011 की बांग्लादेश यात्रा के दौरान समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए तैयार थे लेकिन बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अंतिम समय पर समझौते का विरोध किया और प्रस्तावित सौदे को निलंबित कर दिया गया।

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