Bangladesh: ढाका में 500 साल पुराने काली मंदिर की सुरक्षा कर रहे 12वीं पीढ़ी के पुजारी, मातृभूमि नहीं छोड़ने का लिया प्रण
बांग्लादेश में अशांति के बीच राजधानी ढाका के एक प्रमुख इलाके में 500 साल से भी ज्यादा पुराना श्री श्री सिद्धेश्वरी काली मंदिर स्थित है जिसकी सुरक्षा 12वीं पीढ़ी के पारिवारिक पुजारी शेखर लाल गोस्वामी कर रहे हैं। हिंसा के बीच शेखर ने इस मंदिर को नहीं छोड़ने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि मैंने इससे भी बुरा इस देश में होते हुए देखा है।
डिजिटल डेस्क, ढाका। Bangladesh Unrest: बांग्लादेश में अशांति और आम लोगों के सामने बड़ा संकट...पड़ोसी देश में इस समय कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है। हर जगह हिंसा और लोगों में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रति गुस्सा देखने को मिल रहा है।
हिंदुओ पर हो रहे अत्याचार की ऐसी तस्वीरें देखने को मिल रही है, जिसकी कल्पना करना भी मुश्किल है। हालांकि, हिंसा और अशांति के बीच राजधानी ढाका के एक प्रमुख इलाके से बेहद सकारात्मक खबर देखने को मिल रही है।
500 साल से भी ज्यादा पुराना मंदिर
यहां 500 साल से भी ज्यादा पुराना श्री श्री सिद्धेश्वरी काली मंदिर स्थित है। इस मंदिर की सुरक्षा 12वीं पीढ़ी के पारिवारिक पुजारी शेखर लाल गोस्वामी के हाथों में हैं। 73 वर्षीय शेखर ने यह ठाना हुआ है कि वे अपने देश में अल्पसंख्यकों पर हो रही हिंसा और हमलों की खबरों के बावजूद मंदिर छोड़ कर कहीं नहीं जाएंगे।गोस्वामी ने शनिवार को टाइम्स ऑफ इंडिया से बाततीत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि 'मैं इस मंदिर को नहीं छोड़ूंगा, चाहे कुछ भी हो जाए... मैंने इससे भी बुरा इस देश में होते हुए देखा है।'
कहां रहते है शेखर?
बता दें कि शेखर ढाका के सबसे व्यस्त मौचक बाजार के पास सिद्धेश्वरी लेन में मंदिर के बगल में अपने घर में रहते है। शेखर अपने दो चाचाओं, बेटे और परिवार के साथ रहते हैं। बांग्लादेश में हिंसा के बीच शेखर ने 1971 की एक घटना को याद किया और बताया की कैसे पाकिस्तानी सैनिकों ने उन्हें इस मंदिर से दो बार अगवा किया था। हालांकि, उन्हें भारतीय सेना की मदद से बच गए थे और उन्हें मुक्ति वाहिनी बल में भी शामिल किया गया था।